Baisakhi 2021: आज है बैसाखी, जानिए क्या है इसका महत्व?
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Baisakhi 2021: बैसाखी से पकी हुई फसल को काटने की शुरुआत हो जाती है. 13 अप्रैल 1699 के दिन सिख पंथ के 10वें गुरु श्री गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसके साथ ही इस दिन को मनाना शुरू किया गया था. आज ही के दिन पंजाबी नए साल की शुरुआत भी होती है.
देशभर में 13 अप्रैल को यानी आज बैसाखी का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस दिन को नव वर्ष की शुरुआत के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के कटकर घर आ जाने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं. बैसाखी का त्योहार सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. असम में बिहू , बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु के नाम से लोग इसे मनाते हैं. हालांकि इस बार कोरोना के चलते लोग सावधानी पूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए बैसाखी के पर्व को मनाएंगे. बैसाखी, दरअसल सिख धर्म की स्थापना और फसल पकने के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. इस महीने रबी फसल पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाती है और पकी हुई फसल को काटने की शुरुआत भी हो जाती है. ऐसे में किसान खरीफ की फसल पकने की खुशी में यह त्योहार मनाते हैं. 13 अप्रैल 1699 के दिन सिख पंथ के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसके साथ ही इस दिन को मनाना शुरू किया गया था. आज ही के दिन पंजाबी नए साल की शुरुआत भी होती है. कैसे पड़ा बैसाखी नाम?More Related News
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