
Ayodhya Airport: यूनिवर्सिटी की अनुमति के बिना ली जमीन? HC ने सरकार से तलब किया जवाब
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अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट के लिए विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना जमीन अधिग्रहण कर लिए जाने के खिलाप दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार और अन्य संबंधित विभागों से इस मामले में 4 हफ्ते के अंदर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए कहा है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही राज्य सरकार की ओर से कई अन्य विकास योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट का भी निर्माण होना है. एयरपोर्ट निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन को लेकर विवाद गहरा गया है. ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या में बनने वाले एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या एयरपोर्ट के लिए ली गई जमीन विश्वविद्यालय की अनुमति लेने पर केंद्र और राज्य सरकार समेत संबंधित विभागों से जवाब तलब किया है. इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी. जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विश्वविद्यालय के एक छात्र ओमप्रकाश सिंह की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि अयोध्या का जो श्रीराम एयरपोर्ट बन रहा है उसके लिए राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय की काफी जमीन ले ली है. आरोप है कि विश्वविद्यालय की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार ने विश्वविद्यालय से कोई अनुमति नहीं ली है.
याचिकाकर्ता के मुताबिक राज्य सरकार ने केवल उच्च शिक्षा विभाग की अनुमति लेकर जमीन का अधिग्रहण कर लिया. याचिकाकर्ता का दावा है कि राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 21 के तहत जमीन संबंधी कोई भी निर्णय लेने का अधिकार विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद को ही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार, केंद्र सरकार और अन्य संबंधित विभागों से चार हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.

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