
AAP मंत्री बोलीं- 'दिल्ली सेवा कानून का करेंगे सम्मान', नियमित रूप से शुरू होंगी NCCSA की बैठक
AajTak
सर्विसेज मंत्री आतिशी ने कहा कि जीएनसीटीडी अमेंडमेंट का जो अध्यादेश आया था और अब संसद में पास हुए इसके बिल के तहत दिल्ली में एक नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाई गई है. लेकिन पिछले कुछ समय से सरकार और अफसरशाही के बीच कई प्रकार के गतिरोध आ रहे थे
केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने फैसला लिया है कि अलग अलग विभाग और नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी के बीच बेहतर समन्वय के लिए अब नियमित रूप से अथॉरिटी की बैठकें होती रहेंगी. इस बाबत सर्विसेज और विजिलेंस मंत्री आतिशी ने आदेश जारी किया है.
सर्विसेज मंत्री आतिशी ने बताया कि नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक के गतिरोध को ख़त्म कर अब नियमित रूप से अथॉरिटी की बैठक शुरू होंगी. उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार, सरकार के विभागों और नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी के बीच जितना बेहतर समन्वय होगा उतने अच्छे से जनता के काम होंगे. इसलिए केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों के हित में हो रहे कामों में कोई बाधा न आये इसलिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक होना जरुरी है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने तक अथॉरिटी की मीटिंग नियमित रूप से होती रहेगी और सर्विसेज अथॉरिटी की बैठक कब, कैसे हो और कैसे सभी विभागों का अथॉरिटी के साथ समन्वय हो इसके लिए सरकार सिस्टम बनाएगी.
सर्विसेज मंत्री आतिशी ने कहा कि जीएनसीटीडी अमेंडमेंट का जो अध्यादेश आया था और अब संसद में पास हुए इसके बिल के तहत दिल्ली में एक नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाई गई है. लेकिन पिछले कुछ समय से सरकार और अफसरशाही के बीच कई प्रकार के गतिरोध आ रहे थे, जिस कारण पिछले कुछ समय से इस नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की मीटिंग नहीं हो पा रही थी. ऐसे में जनता के हित को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि जल्द से जल्द नेशनल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठकें शुरू हो.
दिल्ली के सभी विभागों में और नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी के बीच समन्वय कैसे बन पाए इसके लिए बतौर सर्विसेज मंत्री आतिशी ने एक आर्डर जारी किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने ये फैसला लिया है और हम संविधान का सम्मान करते है. अब जब ये बिल संसद द्वारा पास किया गया है तो जबतक ये बिल कानून है हम इसका सम्मान करेंगे.
आतिशी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आगे जनता के काम न रुके इसलिए नियमित रूप से नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक होगी. उन्होंने कहा कि बेशक हमने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है, लेकिन जबतक ये सर्विसेज एक्ट हमारे देश का कानून है हम इसका सम्मान करेंगे. हम इसका सम्मान इसलिए भी करेंगे क्योंकि हम चाहते है कि दिल्ली वालों के काम होते रहे और उनके कोई भी काम न रुके. इसलिए जरुरी है कि नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक हो और सभी विभागों में अथॉरिटी में समन्वय बना रहे. इसके लिए सरकार सिस्टम बनाएगी कि सर्विसेज अथॉरिटी की बैठक कब, कैसे हो और कैसे सभी विभागों का अथॉरिटी के साथ समन्वय हो.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







