
Aajtak Health Summit 2025: ओवर वेट या ओबेसिटी...? क्या दवा से घटता है वजन? डॉक्टर के टिप्स और मरीजों के अनुभव से समझें
AajTak
Aajtak Health Summit 2025 के मंच पर मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्राइनोलॉजी हेड डॉ अमरीश मित्तल, नोवा नॉर्डिस्क इंडिया के एमडी विक्रांत श्रोत्रिया और मरीजों डॉ संदीप कॉलरा व सोनाली ने अपने अनुभव साझा किए. यहां चर्चा हुई कि कैसे मोटापे, डायबिटीज और नई दवाओं (GLP-1) को लेकर लोगों की समझ बदलनी चाहिए.
Aajtak Health Summit 2025: भारत में अब भी कई लोग ये समझ नहीं पाते कि वे ओबीज हैं या सिर्फ मोटे. अक्सर लोग कहते हैं कि अरे ये तो खाने-पीने वाले घर के हैं, ठीक हैं. बच्चों में भी यही कहा जाता है, बड़ों में भी. लेकिन डॉ अमरीश मित्तल कहते हैं कि खास तौर पर भारतीयों के लिए इस पर ध्यान देना जरूरी है. आजतक हेल्थ समिट में मैक्स हेल्थ केयर के एंडोक्रोनोलॉजी विभाग के हेड डॉ अंबरीश मित्तल, नोवा नॉरडिस्क इंडिया के एमडी विक्रांत श्रोत्रिया के टिप्स के साथ डॉ संदीप कॉलरा के अनुभवों से लोगों ने मोटापे और उसकी दवाओं के बारे में जाना.
कैसे पता करें कि आप ओबीज हैं?
डॉ मित्तल के अनुसार भारत में मोटापे के लिए बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का इस्तेमाल किया जाता है. BMI हाइट और वेट के अनुपात से निकाला जाता है.उन्होंने बताया कि BMI अगर 23-25 है तो ये भारतीयों में ओवरवेट है. वहीं अगर ये BMI 25 से ऊपर है तो ओबीज में आएंगे. उन्होंने बताया कि सिर्फ बाहर से दिखने वाला फैट ही महत्वपूर्ण नहीं है. हमारे शरीर में जो फैट ऑर्गन्स के चारों ओर होता है जैसे लिवर, हार्ट के आसपास उसे विसरल फैट कहते हैं. यही अंदरूनी फैट कई बीमारियों की वजह बनता है. इंडियन साउथ एशियन में ये फैट ज्यादा होता है, इसलिए कम BMI पर भी मेटाबॉलिक इफेक्ट्स शुरू हो जाते हैं.
क्या है GLP-1 ड्रग, कैसे काम करती है और किसके लिए जरूरी?
डॉ अमरीश मित्तल का कहना है कि क्लिनिक में हर दूसरा इंसान जो GLP-1 मांगता है, उसे वास्तव में इसकी जरूरत नहीं होती और हर दूसरा इंसान जिसे सच में चाहिए होता है, वो इसे लेने में घबराता है. GLP-1 असल में हमारे शरीर का नेचुरल हॉर्मोन है. GLP-1 ड्रग्स इस हॉर्मोन की नकल करते हैं इसलिए इन्हें लाइट ड्रग्स भी कहा जाता है.
इनके दो मुख्य काम शरीर में इंसुलिन बनाने में मदद करना और ब्रेन में जाकर खाने की संतुष्टि का सिग्नल देना है. यानी खाने के बाद हम खुद-ब-खुद संतुष्ट महसूस करते हैं, इसके पीछे GLP-1 ही वजह है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







