
714 मिलियन टन का खरीफ उत्पादन... जानें ज्यादा बारिश ने कैसे बनाया फसलों का नया रिकॉर्ड
AajTak
इस साल बारिश से बाढ़ और तबाही की तमाम खबरें आईं लेकिन अब एक खुशखबरी भी है. इस साल जिस तरह बारिश ने सामान्य से ज्यादा का रिकॉर्ड तोड़ा, उससे कहीं गम के साथ कहीं खुशियां भी आई हैं, जैसे कि किसानों के लिए कुछ नये रिकॉर्ड भी बने हैं. आइए जानते हैं कि सामान्य से अधिक बारिश ने खरीफ फसलों में कैसे इतना इजाफा किया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस मानसून में भारत में औसत से आठ प्रतिशत अधिक बारिश हुई. अगस्त पिछले कई वर्षों में सबसे ज़्यादा बारिश वाला महीना रहा, और सितंबर में चार महीनों के इस मौसम में सामान्य से ज़्यादा बारिश हुई.
अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में हुई भारी बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ आ गई. जान-माल के नुकसान के अलावा, इस बाढ़ के कारण खरीफ की फसल में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले दो राज्यों, पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में फसलों को भारी नुकसान हुआ.
वहीं, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि अत्यधिक वर्षा ने वास्तव में उत्पादन को वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है. 2025-26 के लिए, कुल खरीफ उत्पादन अनुमान 714.1 मिलियन टन है. गन्ने का उत्पादन इसमें लगभग आधा है, जो 475.6 मिलियन टन है, जो पिछले वर्ष से 21 मिलियन टन अधिक है.
रागी, ज्वार, बाजरा, चावल, मक्का और अन्य छोटे मोटे अनाजों का उत्पादन 165.9 मिलियन टन होने का अनुमान है, जिसमें चावल और मक्का का योगदान मुख्य रूप से है. चावल का उत्पादन लगभग 124.5 मिलियन टन और मक्का का उत्पादन 28.3 मिलियन टन रहा, और दोनों फसलों का उत्पादन पिछले कई वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
2025-26 के लिए खरीफ तिलहन उत्पादन अनुमान 27.56 मिलियन टन है. मूंगफली का उत्पादन 11.09 मिलियन टन और सोयाबीन का उत्पादन 14.27 मिलियन टन है. दालों में मामूली वृद्धि देखी गई, कुल खरीफ उत्पादन 7.41 मिलियन टन रहा. तुअर (अरहर) का उत्पादन 3.60 मिलियन टन, उड़द का 1.21 मिलियन टन और मूंग का 1.72 मिलियन टन होने का अनुमान है.
खेतों के बह जाने की आशंकाओं के साथ शुरू हुआ ये मौसम बिल्कुल अलग तरीके से खत्म हुआ है. तबाही के बावजूद, सामान्य से ज्यादा बारिश ने भारत के ज्यादातर खेतों में उत्पादन को मजबूत किया है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







