
500 की कैपेसिटी वाले आशा किरण होम में 950 लोग, 25 को TB... एक महीने में 13 की मौत के बाद कई खुलासे
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आशा किरण में काम करने वाली महिला ने बताया कि अंदर के हालात बेहद खराब हैं. बच्चों को जो सुविधा पहले मिलती थी वह अब नहीं मिलती है. ना ही बच्चों को प्रॉपर डाइट मिलती है. 4 साल पहले तक बच्चों को दूध अंडा सब मिलता था, लेकिन अब सब बंद कर दिया गया.
दिल्ली में मंदबुद्धि बच्चों और लोगों के लिए बनाया गया आशा किरण होम अब लिए डेथ चैंबर बन रहा है. आजतक से बातचीत में आशा किरण में काम करने वाली महिला ने बताया कि अंदर के हालात बेहद खराब हैं. बच्चों को जो सुविधा पहले मिलती थी वह अब नहीं मिलती है. ना ही प्रॉपर डाइट मिलती है. 4 साल पहले तक बच्चों को दूध अंडा सब मिलता था, लेकिन अब सब बंद कर दिया गया. सिर्फ दाल रोटी मिलती है. महिला ने बताया कि अंदर अभी भी कम से कम 20 से 25 बच्चों को टीबी की बीमारी है. इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा सेंटर पहुंच गई हैं. SDM ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि शेल्टर होम की क्षमता लगभग 500 है, लेकिन अंदर लगभग 950 लोग हैं.
सूत्रों ने बताया कि सेंटर के अंदर कोई महामारी की स्थिति नहीं है. हमें ऐसे लोग नहीं मिले, जिनकी मृत्यु बीमारी से संबंधित कारणों से हुई हो. 'शेल्टर होम से केवल 2 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल के अंदर एक हेल्थ यूनिट भी है. केंद्र ने केवल एक सप्ताह पहले शेल्टर होम में अत्यधिक भीड़भाड़ की रिपोर्ट दी थी और हमने एजेंसियों को इसके बारे में और जानकारी दी.'
सूत्रों ने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) भी शेल्टर होम के अंदर गई, लेकिन अंदर गंदगी की स्थिति के बारे में कभी कोई शिकायत नहीं की. हम अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को भेजेंगे. इस मामले पर एक अलग रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी. हम मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
आजतक के हाथ लगे एक्सक्लूसिव दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि पिछले 7 महीने में यहां 27 लोगों की मौत हुई है. जबकि जुलाई में 13 मौत के मुंह में चले गए.
मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश आशा किरण में मौत के मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. आजतक के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं, उनमें इसबात का साफ-साफ जिक्र है कि कैसे महीने दर महीने लोगों की मौत हुई. सबसे चौंकाने वाली बात ये कि जुलाई महीने में ही 20 दिन के अंदर 13 की मौत हुई है.
यहां इस साल लगातार मौतें हुई हैं जिसमें- जनवरी में 3, फरवरी में 2, मार्च में 3, अप्रैल में 2, मई में 1, जून में 3 और जुलाई में 13 मौत हुई हैं. जबकि वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच ही कुल 13 लोगों की मौत हुई थी.

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