30 साल से फरार, PAK में अड्डा... हिजबुल के आका सलाहुद्दीन की कुंडली जिसके कुनबे पर हो रहा ताबड़तोड़ एक्शन
AajTak
सलाहुद्दीन 1993 में पाकिस्तान भाग गया था. मोदी सरकार ने अक्टूबर 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. वह पाकिस्तान से ही अपने संगठन को ऑपरेट कर रहा है और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है. वह पाकिस्तान के 13 आतंकी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का भी प्रमुख है.
पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन और उसके परिवार पर एनआईए ने ताबड़तोड़ एक्शन लिया है. NIA ने जम्मू कश्मीर के नरसिंह गढ़, मोहल्ला राम बाग, श्रीनगर में स्थित सैयद सलाहुद्दीन और उसके बेटे अहमद शकील की संपत्तियों को कुर्क कर लिया. सैयद सलाहुद्दीन घोषित आतंकवादी है और उसके खिलाफ एनआईए ने यह कार्रवाई यूएपीए एक्ट के तहत की है.
30 साल से पाकिस्तान में है सलाहुद्दीन
सलाहुद्दीन 1993 में पाकिस्तान भाग गया था. मोदी सरकार ने अक्टूबर 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. वह पाकिस्तान से ही अपने संगठन को ऑपरेट कर रहा है और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है. वह पाकिस्तान के 13 आतंकी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का भी प्रमुख है. पाकिस्तान में रहकर भारत में आतंक फैला रहा सलाहुद्दीन भारत में खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के अलावा सलाहुद्दीन अपने संगठन की आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हवाला और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग चैनलों के माध्यम से भारत में धन जुटाता रहा है.
सैयद सलाहुद्दीन का पूरा नाम सैयद मोहम्मद युसूफ शाह है. उसका जन्म 1946 में कश्मीर घाटी के बडगाम के सोईबग में हुआ था. उसके पिता भारत सरकार में डाक विभाग में काम करते थे. सलाहुद्दीन यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से पढ़ाई के दौरान जमात-ए-इस्लामी के संपर्क में आया और जम्मू-कश्मीर शाखा का सदस्य बन गया.
सलाहुद्दीन ने 1987 में जम्मू और कश्मीर से मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर श्रीनगर की अमीरा कदल सीट से चुनाव लड़ा था. इसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस मामले में सलाहुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. 1989 में जेल से रिहा होने के बाद उसने हिजबुल मुजाहिदीन का गठन किया. जून 2017 में अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.
पाकिस्तान में नजर आया था सलाहुद्दीन
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.