3 सेकंड, 2 गोलियां और मर्डर... डेरा कारसेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के कत्ल की पूरी कहानी
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Baba Tarsem Singh Murder: सुबह के 6 बजकर 15 मिनट का वक्त था. रोज़ाना की तरह डेरा कारसेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह अपने डेरे में एक कुर्सी पर बैठे आराम कर रहे थे. तभी दो लोग एक बाइक पर डेरे के अंदर आते हुए दिखाई देते हैं और कुछ देर बाद वहां गोली चलने की आवाज़ आती है.
Baba Tarsem Singh Murder Case: उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में डेरा कारसेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या का मामला पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि पुलिस हमलावरों की पहचान किेए जाने का दावा कर रही है. लेकिन इस हत्याकांड से लोगों में गुस्सा है. दरअसल, दिन दहाड़े जिस तरह से बेखौफ हमलावरों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है, वो बेहद हैरान करने वाला है. और कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है. आइए जान लेते हैं इस हाई प्रोफाइल मर्डर की पूरी कहानी.
28 मार्च 2024, डेरा कारसेवा गुरुद्वारा नानकमत्ता, उधमसिंह नगर सुबह के 6 बजकर 15 मिनट का वक्त था. रोज़ाना की तरह डेरा कारसेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह अपने डेरे में एक कुर्सी पर बैठे आराम कर रहे थे. डेरे में दिन की शुरुआत हो रही थी. तभी दो लोग एक बाइक पर डेरे के अंदर आते हुए दिखाई देते हैं. आस-पास काम कर रहे लोगों की निगाह इन बाइक सवार पर पड़ती है, लेकिन किसी को भी अनहोनी का शक नहीं होता. मगर अगले ही पल जो कुछ होता है, उसे देख कर लोग दहल जाते हैं.
बाबा तरसेम सिंह को करीब से मारी गई गोली बाइकर सीधे बाबा तरसेम सिंह के करीब पहुंचते हैं और बाइक के पीछे बैठा शख्स बिल्कुल करीब से एक लंबी सी गन से बाबा तरसेम सिंह को गोली मार देता है. ये सबकुछ इतनी जल्दी होता है कि तरसेम सिंह को संभलने का मौका ही नहीं मिलता. हालांकि गोली लगने के बाद वो अपनी कुर्सी से खड़े हो जाते हैं. शायद आगे होने वाले हमले से बचने की कोशिश में. लेकिन तब तक बाइक वाले बदमाश बाइक घुमा कर फिर से उनके सामने आ जाते हैं और इससे पहले कि बाबा तरसेम सिंह अपना बचाव कर पाते, उन्हें नजदीक से एक और गोली मार देते हैं.
3 सेकंड, 2 गोलियां और खेल खत्म एक के बाद एक दो गोली लगते ही बाबा जमीन पर गिर जाते हैं. और आस-पास मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए मदद के लिए बाबा की तरफ दौड़ पड़ते हैं. इसी अफरातफरी के बीच बाइक पर आए शूटर मौका-ए-वारदात से बड़े आराम से फरार हो जाते हैं. इस हमले में बमुश्किल सिर्फ 3 सेकंड का वक़्त लगता है. जी हां, 3 सेकंड. लेकिन यही तीन सेकंड बाबा तरसेम सिंह की जिंदगी पर भारी पड़ते हैं.
सिख समाज का बड़ा चेहरा थे बाबा तरसेम सिंह उन्हें आनन-फानन में उठा कर डेरे के सेवादार खटीमा अस्पताल लेकर पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल लाए जाने की तक उनकी जान जा चुकी होती है. डॉक्टर बाबा तरसेम सिंह को मुर्दा करार देते हैं. पंजाब, उत्तराखंड और खास कर तराई के इलाके में बाबा तरसेम सिंह सिखी के एक बड़े चेहरे थे. उन्हें सिख समाज के लोग ना सिर्फ काफी सम्मान देते थे, बल्कि इन इलाकों में उनके चाहने वालों की भी अच्छी-खासी तादाद है. ऐसे में जब से लोगों को डेरा कारसेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की मौत की खबर मिलती है, डेरे से लेकर अस्पताल तक में लोगों की भारी भीड़ इकट्ठी हो जाती है और लोग गुस्से से उबलने लगते हैं.
पुलिस ने खंगाली सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खबर मिलते ही उधम सिंह नगर की पुलिस पूरे लवाज़मे के साथ मौका-ए-वारदात पर पहुंच चुकी थी. जांच के लिए आनन-फानन में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को भी मौके पर बुला लिया गया और पुलिस ने पूरे सीन ऑफ क्राइम को सेनिटाइज कर अपनी तफ्तीश शुरू कर दी. और इसी तफ्तीश के दौरान पुलिस को डेरे में लगे अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों से क़ातिलों की अलग-अलग तस्वीरें और वीडियोज़ हाथ लगे. ये सारी की सारी तस्वीरें और वीडियोज़ बिल्कुल साफ थे और कातिलों का चेहरा आसानी से पहचाना जा सकता था.
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