
'24 घंटे में अमेरिका वापस आ जाएं...' H-1B वीजा वाले भारतीय कर्मचारियों को माइक्रोसॉफ्ट की वॉर्निंग
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ट्रंप के H-1B वीजा पर फीस बढ़ोतरी के ऐलान के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय यात्रा पर गए कर्मचारियों को चेतावनी दी है और कहा है नियम लागू होने से पहले अमेरिका वापास लौट आएं.
H-1B वीजा पर नया फीस का नियम लागू होने से पहले ही अमेरिकी IT दिग्गज कंपनियों ने अपने विदेशी कर्मचारियों, खासकर भारतीय कर्मचारियों को एक फरमान ईमेल के जरिए भेजा है, जिसमें 1 दिन के अंदर किसी भी सूरत में अमेरिका वापस लौटने के लिए कहा गया है.
सूत्रों के अनुसार, Microsoft ने भारत की यात्रा कर रहे अपने H-1B कर्मचारियों के लिए एक तत्काल आंतरिक परामर्श जारी किया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि 21 सितंबर के बाद उन्हें अमेरिका में आने से रोका जा सकता है.
21 सितंबर के बाद नहीं बुलाया जाएगा! कंपनी की चेतावनी स्पष्ट है कि 21 सितंबर के बाद अमेरिका के बाहर किसी H-1B कर्मचारी को तब तक वापस आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि उनके नियोक्ता 100,000 डॉलर का शुल्क चुका नहीं देते. यह लागत केवल आवश्यक या उच्च-स्तरीय भूमिकाओं वाले कर्मचारियों के लिए ही चुकाया जाएगा. इसका मतलब साफ है कि बाकी विदेशी कर्मचारियों को नौकरी में रुकावट नहीं आए, इसके लिए 21 सितंबर तक अमेरिका वापस लौटना जरूरी है. बिजनेस टुडे के मुताबिक, यह ईमेल आंतरिक तौर से भेजा गया है और कंपनी की समीक्षा से परिचित लोगों ने इसकी पुष्टि की है.
विदेशी यात्रा अभी करें कैंसिल माइक्रोसॉफ्ट ने कथित तौर पर अमेरिका में पहले से मौजूद H-1B वीजा होल्डर्स को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा की योजना रद्द कर दें और 'निकट भविष्य' तक अमेरिका में ही रहें. हालांकि इस घोषणा में एच-4 वीजा धारकों के आश्रितों का सीधे तौर पर जिक्र नहीं है, लेकिन कंपनी ने उनके जीवनसाथी और बच्चों से भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने का निवेदन किया है.
भारत से जल्द लौटें कर्मचारी: माइक्रोसॉफ्ट भारत की यात्रा पर गए कर्मचारियों को जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा जा रहा है. एडवाइजरी में यह स्वीकार किया गया है कि यात्रा की सीमित अवधि सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती, लेकिन इस बात पर जोर दिया गया है कि एकमात्र सुरक्षित विकल्प यह है कि नियम लागू होने से पहले ही अमेरिकी धरती पर वापस आ जाएं.
H-1B वीजा पाने वाले 70 फीसदी भारतीय कर्मचारी ट्रंप के H-1B वीजा पर नए फीस नियम से भारतीय तकनीकी हलकों में खलबली मची हुई है. H-1B वीजा पाने वाले कर्मचारियों में 70 फीसदी से ज्यादा भारतीय नागरिक हैं, इसलिए इस ऐलान का भारत के आईटी सेक्टर पर भारी असर पड़ने की उम्मीद है.

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