
1976 में चिटफंड कंपनी का अधिग्रहण, 1978 में बनाया सहारा इंडिया परिवार... कैसे सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए सुब्रत रॉय
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सुब्रत राय बिजनेस के क्षेत्र का जाना-माना नाम थे, जिन्होंने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की. जो फाइनेंस, रियल स्टेट, मीडिया और हॉस्पिटेलिटी समेत अन्य क्षेत्रों तक फैला हुआ है. सुब्रत रॉय ने 1978 में सहारा इंडिया परिवार समूह की स्थापना की थी.
सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर सुब्रत रॉय का 14 नवंबर, 2023 को 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांस ली. सहारा ग्रुप की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि सुब्रत रॉय का कार्डियो अरेस्ट के बाद मंगलवार रात 10.30 बजे निधन हो गया. वह हाइपरटेंशन और मधुमेह जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे. उनका स्वास्थ्य लगातार खराब था, जिसकी वजह से उन्हें 12 नवंबर को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बिहार के अररिया जिले में 10 जून, साल 1948 को सुब्रत रॉय का जन्म हुआ था. वह बिजनेस का जाना-माना नाम थे, जिन्होंने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की, जो फाइनेंस, रियल स्टेट, मीडिया और हॉस्पिटेलिटी समेत अन्य क्षेत्रों तक फैला हुआ है. सुब्रत रॉय ने 1978 में सहारा इंडिया परिवार समूह की स्थापना की थी.
सहारा, जिसका हिंदी में मतलब है मदद, रिक्शा चालकों, कपड़े धोने वालों और टायर की मरम्मत करने वालों से रोजाना 20 रुपये की छोटी राशि इकट्ठा करता है. सहारा भारतीय हॉकी टीम को भी प्रायोजित करता है और फॉर्मूला वन रेसिंग टीम, फ़ोर्स इंडिया में उसकी हिस्सेदारी है.
गोरखपुर से शुरू हुआ था सुब्रत रॉय का सफर
सुब्रत रॉय की यात्रा गोरखपुर के सरकारी तकनीकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा के साथ शुरू हुई. साल 1976 में संघर्षरत चिटफंड कंपनी सहारा फाइनेंस का अधिग्रहण करने से पहले उन्होंने गोरखपुर में व्यवसाय में कदम रखा. 1978 तक, उन्होंने इसे सहारा इंडिया परिवार में बदल दिया, जो आगे चलकर भारत के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप्स में से एक बन गया.

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