
जानिए- अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden को कितनी सैलरी मिलेगी, क्या होंगी सुविधाएं-एलाउंस
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20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन जाएंगे. आइए जानते हैं कि एक राष्ट्रपति के तौर पर उनकी क्या सैलरी होगी, उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी.
अमेरिका का प्रेसीडेंट इस देश का सबसे ताकतवर पद होता है. बता दें कि आम सरकारी कर्मचारी की तरह फेडरल कानून के अनुसार इस पद की भी अपनी मर्यादाएं और सीमाएं तय हैं. अमेरिकी प्रेसीडेंट को सैलरी से लेकर उसके अन्य मदों के खर्चे पूरी तरह कानून ने तय कर रखे हैं. 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन जाएंगे. आइए जानते हैं कि एक राष्ट्रपति के तौर पर उनकी क्या सैलरी होगी, उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी. न्यूयॉर्क की वेबसाइट स्टाइल कास्टर के अनुसार अमेरिकी कानून (US Code 3) के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति का सालाना वेतन चार लाख अमेरिकी डॉलर है. भारतीय मुद्रा के अनुसार ये करीब दो करोड़ 92 लाख रुपये है. इसके अलावा प्रेसीडेंट को 50 हजार डॉलर का सालाना एक्सपेंस एलाउंस भी मिलता है. इसके अलावा एक लाख डॉलर का नॉन टैक्सेबल ट्रैवल एलाउंस भी मिलता है. अमेरिकी राष्ट्रपति को इसके अलावा सालाना मनोरंजन के लिए भी एक मद में पैसा मिलता है. ये रकम 19 हजार डॉलर होती है, जिसे वो अपने व अपने परिवार के मनोरंजन के लिए खर्च कर सकता है. वहीं फर्स्ट लेडी यानी राष्ट्रपति की पत्नी की कोई सैलरी नहीं होती.
HMD 101 और HMD 100 को भारत में लॉन्च कर दिया गया है. ये फोन्स कम कीमत में दमदार फीचर्स के साथ आते हैं. कंपनी ने इन फोन्स को 1000 रुपये से कम के इंट्रोडक्टरी प्राइस पर लॉन्च किया है. HMD 101 में कॉल रिकॉर्डिंग, MP3 प्लेयर और दमदार बैटरी जैसे फीचर्स मिलते हैं. आइए जानते हैं इन फोन्स की कीमत और दूसरे फीचर्स.

सिंगापुर के हाई कमिश्नर टू इंडिया, साइमन वोंग ने अपनी पोस्ट में दो स्क्रीनशॉट भी साझा किए. पहला स्क्रीनशॉट इंडिगो की ओर से आया व्हाट्सऐप अलर्ट था, जिसमें फ्लाइट कैंसिल होने की जानकारी दी गई थी. दूसरा स्क्रीनशॉट शादी स्थल पर मौजूद मेहमानों द्वारा भेजा गया, जिसमें उन्हें वोंग का इंतजार करते हुए देखा जा सकता था.

इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल और घंटों की देरी के बीच यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर स्थिति बेहद अव्यवस्थित रही. कई यात्रियों ने शिकायत की कि न तो समय पर कोई अनाउंसमेंट किया गया और न ही देरी की सही वजह बताई गई. मदद के लिए हेल्प डेस्क और बोर्डिंग गेट पर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें स्टाफ का कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.










