होलसेल में बिकती थी कोरोना में इस्तेमाल होने वाली नकली Favipiravir, मुंबई से लेकर मेरठ तक जुड़े थे तार
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मुंबई पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि ये कोरोना के इलाज में उपयोगी फेविपीरावीर की नकली दवा बनाते थे और उसे होलसेल मार्केट में बेच देते थे. खास बात ये है कि मैनुफैक्चरर के तौर पर इन्होंने हिमाचल की एक कंपनी का नाम दर्ज कराया था, जबकि उस नाम की कोई कंपनी है ही नहीं.
कोरोना संक्रमण काल में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनी इंसानियत बेचकर मुनाफा कमाने में लगे रहे. ऐसे ही नकली दवाओं को बेचकर अपनी जेब भरने वाले मेरठ की एक फार्मा लैब में काम करने वाले कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. कर्मचारी पर आरोप है कि वो नकली फेविपीरावीर बनाकर बेचा करता था. फेविपीरावीर कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होती है. इस मामले में के तार सिर्फ मेरठ ही नहीं बल्कि मुंबई से लेकर हिमाचल से भी जुड़े हुए थे. अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दरअसल, हाल ही में फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA ने टिप के आधार पर मुंबई के कांदिवली ईस्ट और गोरेगांव ईस्ट स्थित तीन होलसेल ड्रग डीलर्स के यहां छापा मारा था. यहां भारी मात्रा में फेविमैक्स 400, फेविमैक्स 200 (फेविपीरावरी) और हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा बरामद हुई थी. इन दवा की कीमत 1.5 करोड़ रुपए आंकी गई थी. इन दवाओं के मैनुफैक्चरर के तौर पर हिमाचल प्रदेश के मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर का नाम दर्ज था.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.