हेमंत सोरेन को SC से नहीं मिली राहत, कोर्ट ने सरकार और ED को जारी किया नोटिस
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केजरीवाल को जमानत मिलने के आधार पर ही अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई है.
झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने और सरकार और जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया है. फिलहाल हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार करने के लिए राहत नहीं मिली है और कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस अर्जी पर अगली सुनवाई 17 मई को होगी.
हेमंत सोरेन ने केजरीवाल को जमानत मिलने के आधार पर ही अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई है.
सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि इस याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए. अगर चुनाव खत्म होने के बाद सुनवाई होगी, तो याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.
ED और सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने हेमंत सोरेन की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है. जस्टिस खन्ना ने पूछा कि क्या उस विवादित जमीन पर सोरेन का कब्जा है? इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि उनका कब्जा तो कभी नहीं रहा है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा कोई कंटेंट यानी मेटेरियल भी नहीं है. बस कब्जेदार किसी से कहलवा लेते हैं कि ये मंत्री जी की जमीन है. मुंहजबानी तो सब बोल देते हैं. मुझे उस जमीन के बारे में कुछ नहीं पता है.
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