सेना पर निशाना, जैश का कबूलनामा! पुंछ अटैक से पहले ये 10 घटनाएं कर रहीं बड़ी साजिश की तरफ इशारा
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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के वाहन पर हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. आतंकियों के इस कायराना हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए हैं तो वहीं एक जवान की हालत गंभीर है. इस अटैक के पहले ऐसी करीब 10 घटनाएं हुईं, जो इशारा कर रही हैं कि आतंकी किसी बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी में थे. पढ़िए इस रिपोर्टम में...
भारी बारिश और लो विजिबिलिटी के बीच 20 अप्रैल को दोपहर 3 बजे सेना की गाड़ी जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर से गुजर रही थी. राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के जवानों को लेकर जा रही इस गाड़ी में राशन के अलावा ईंधन भी रखा हुआ था. गाड़ी अभी भीमबेर गली और पुंछ के बीच हाइवे से गुजर ही रही थी कि अचानक आतंकियों ने ग्रेनेड फेंककर गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
तेज बारिश के बीच गाड़ी में मौजूद जवान हमले के बारे में कुछ समझ पाते, इससे पहले ही आतंकियों ने सेना की गाड़ी पर करीब 50 राउंड फायरिंग की. इस बीच वाहन में आग लग गई. इस हमले में हमारे 5 जवान शहीद हो गए. एक सैनिक का इलाज गंभीर हालत में राजौरी के सैन्य अस्पताल में चल रहा है. अटैक की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है. यह संगठन पाकिस्तान बेस्ड आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करता है. PAFF के कबूलनलामे से साफ होता है कि इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है. इस घटना को अंजाम देने में 4 आतंकियों की भूमिका हो सकती है.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से शांति बनी हुई है. और भारत इस साल जी-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है. ऐसे समय आतंकियों का भारतीय सेना को जम्मू-कश्मीर में निशाना बनाना बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है. दरअसल, जी-20 की लागातर जारी बैठकों के बीच कुछ मीटिंग लेह और श्रीनगर में भी रखी गई हैं. भारत सरकार के इस कदम से ही आतंकी चिढ़ गए.
जी-20 समिट के तहत लेह में 26 से 28 अप्रैल और श्रीनगर में 22 से 24 मई को बैठक आयोजित होनी हैं. श्रीनगर में होने वाली G-20 बैठक को लेकर ही PAFF इसे आगबबूला था. आतंकी संगठन ने इसे लेकर चेतावनी भी दी थी. श्रीनगर और लेह में होने वाली इस बैठक पर पाकिस्तान ने भी आपत्ति जताई थी. इस हमले को अंजाम देने के पीछे आतंकियों का उद्देश्य कश्मीर को अशांत और असुरक्षित बताना भी हो सकता है.
पुंछ हमला क्यों बड़ी साजिश, 3 महीने में हुई इन 10 घटनाओं से समझें
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