
सुलह की आखिरी कोशिश? सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान ने किया कल दिल्ली तलब
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राजस्थान कांग्रेस में पायलट-गहलोत के बीच का टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है. अब आलाकमान इन दोनों नेताओं के बीच सुलह की एक आखिरी कोशिश करने जा रहा है. सामने आया है कि शुक्रवार को इसके लिए महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस बैठक का मुद्दा भले चुनाव हो, लेकिन कोशिश पायलट-गहलोत के बीच सुलह कराने की है.
राजस्थान की सियासत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चली आ रही सियासी अदावत अब आखिरी मोड़ पर है. करप्शन और पेपर लीक के मुद्दे पर पायलट ने अल्टीमेटम दे रखा है तो गहलोत अपने स्टैंड पर कायम हैं. ऐसे में कांग्रेस राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट के बीच चल रही खींचतान और विवाद को निपटाने की कवायद में जुट गई है, जिसके लिए शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस बैठक का मुद्दा भले चुनाव हो, लेकिन कोशिश पायलट-गहलोत के बीच सुलह कराने की है.
दिल्ली में बुलाई गई बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में दिल्ली पार्टी कार्यलय में आगामी चुनावी राज्यों वाले नेताओं की बैठक बुलाई गई है. बैठक में राजस्थान के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सीएम अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट और डॉ. सीपी जोशी को भी बुलाया गया है. इसके अलावा अलग-अलग प्रदेशों के राजस्थान से प्रभारी और कुछ बड़े नेताओं को बुलाया गया है. इनमें रघु शर्मा, हरीश चौधरी, कुलदीप इंदौरा, भंवर जितेंद्र सिंह और रघुवीर मीणा भी शामिल हैं.
31 मई तक पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव कांग्रेस की बैठक से पहले पार्टी हाईकमान के पास राजस्थान कांग्रेस संगठन, गहलोत सरकार, मंत्री, विधायकों के बयान और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कई तरह की रिपोर्ट पहुंची है. इसमें कई नेताओं, मंत्रियों की ओर से अपनी सरकार के खिलाफ दिए गए बयानों और आरोपों के वीडियो और लिखित वर्जन भी शामिल हैं. ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक राजस्थान के बड़े घटनाक्रम के संकेत दे रही है, क्योंकि करप्शन और पेपर लीक के मुद्दे पर पायलट के अल्टीमेटम में अब एक सप्ताह का वक्त बचा है. 31 मई तक गहलोत सरकार पर पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव है.
पायलट-गहलोत में संतुलन की कोशिश में कांग्रेस कांग्रेस हर संभव कोशिश में है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच संतुलन बनाकर राजस्थान विधानसभा चुनाव में उतरे ताकि पार्टी को सियासी नुकसान न हो सके. इसके लिए पहले सचिन पायलट को संतुष्ट कर शांत करने की कोशिश है. ऐसे में गहलोत भले ही पायलट के डिमांड पर एक्शन न ले रहे हो, लेकिन अपने रुख में नरमी जरूर लाए हैं. गहलोत ने कहा कि हम मानते हैं कि पूरी कांग्रेस एकजुट होकर लड़ेंगे और हम चुनाव जीतकर आएंगे.
गहलोत बोले- हाईकमान का मानेंगे निर्देश सीएम गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'हमारे यहां तो अनुशासन होता है. एक बार हाईकमान जो तय कर देता है, उस फैसले को सब मानते हैं. पहले सोनिया गांधी थीं, अब खड़गे साहब और राहुल गांधी हैं. ये नेता जब एक बार फैसला कर लेते हैं तो सभी लोग उनके फैसले को मानते हैं और सब अपने-अपने काम पर लग जाते हैं. दिल्ली में होने वाली बैठक पर उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि बैठक में सब अपने-अपने सुझाव देंगे. उसके बाद हाईकमान के जो निर्देश होंगे, वह मानेंगे.'
सचिन पायलट ने खोल रखा है मोर्चा बता दें कि सचिन पायलन ने भ्रष्टाचार और पेपर लीक मामले को लेकर खुलकर मोर्चा खोल रखा है. 31 मई तक गहलोत सरकार पर पायलट की मांगों पर एक्शन लेने का दबाव है. साथ ही पायलट और उनके खेमे के कांग्रेस विधायकों ने एलान कर रखा है कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो प्रदेश भर में गांव-ढाणी तक जाकर आंदोलन करेंगे. इस तरह से पायलट के विधायकों ने स्पष्ट कर रखा है कि अब याचना नहीं रण होगा. ऐसे में कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में किसी तरह की कोई रिस्क लेने के चक्कर में नहीं है. इसीलिए गहलोत और पायलट के बीच सुलह-समझौता की आखिरी कोशिश हो रही है.

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