
सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणी की है, राहुल गांधी को ऐसी बातों से कोई फर्क पड़ता है क्या?
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सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बड़ी ही सख्त टिप्पणी की है. चीन को लेकर राहुल गांधी के बयान पर एक मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की ‘भारतीयता’ पर सवाल खड़ा कर दिया है. सवालों के कठघरे में राहुल गांधी को खड़ा किया जाना क्या कहलाता है?
राहुल गांधी सवालों के कठघरे में खड़े हो गए हैं. और, सवालों का ये कठघरा भी न संसद में है, न किसी सड़क पर बना है - न ही, अपने जमाने के मशहूर कवि धूमिल के 'शब्दों की अदालत में, मुजरिम के कठघरे में खड़े बेकसूर आदमी का हलफनामा' जैसा ही है.
बल्कि, ये देश की सबसे बड़ी अदालत के सवालों का कठघरा है? सवालों के कठघरे में राहुल गांधी खड़े हैं - और सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता की सच्ची भारतीयता पर सवाल खड़ा कर दिये हैं.
भारत-चीन सीमा विवाद का मसला राहुल गांधी कई बार उठा चुके हैं. बीजेपी की तरफ से हर बार राहुल गांधी के सवालों पर जवाबी हमला होता है. 2019 में एक बार सर्वदलीय बैठक में भी ये मामला उठा था, और तब पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने भी आपत्ति जताई थी. राहुल गांधी की भारतीयता पर सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी के बाद वो फिर से निशाने पर आ गये हैं.
2019 में ही राफेल डील के प्रसंग में राहुल गांधी को अपनी एक टिप्पणी के लिए, अदालत की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी. मई, 2019 राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा था, 'अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया - चौकीदार चोर है'.
देश में उस वक्त आम चुनाव का दौर था, और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने याचिका दायर कर दी थी. राहुल गांधी ने अपने माफीनामे में कहा 'अदालत का अपमान करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी, न ही जानबूझ कर ऐसा किया... न ही अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में वो किसी तरह की बाधा पहुंचाना चाहते थे... भूलवश ये गलती हो गई... लिहाजा क्षमा चाहता हूं.' सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बिना शर्त माफीनामा को स्वीकार कर लिया था.
राहुल गांधी के खिलाफ करीब डेढ़ दर्जन मामले देश की विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर सावरकर तक. सुप्रीम कोर्ट की ताजा टिप्पणी मानहानि के एक केस की सुनवाई के दौरान आई है.

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