सुक्खू कैबिनेट के विस्तार से कांग्रेस में बवाल, कार्यकर्ता ने सिर मुंडवा जताया विरोध
AajTak
हिमाचल में कांग्रेस की मुश्किलें सरकार बनाने के बाद भी समाप्त नहीं हुई हैं. जब से पहला कैबिनेट विस्तार किया गया है, कई नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है. इसी कड़ी में एक कार्यकर्ता ने अपना सिर ही मुंडवा लिया है. उसका एक वीडियो वायरल हो गया है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद राज्य की कांग्रेस इकाई में असंतोष चरम पर है. मंत्रिमंडल में जगह न दिए जाने के बाद कांग्रेस के दो सचिवों और विधायक सुधीर शर्मा और राजेश धर्माणी के समर्थक खुलकर पार्टी हाईकमान के खिलाफ सामने आ गए हैं. नाराजगी इसलिए भी है क्योंकि इन दोनों विधायकों के नाम पहले मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं की सूची में थे जिनको आखरी समय में हटा दिया गया.
इन नेताओं के समर्थकों में नाराजगी इस कदर है कि एक कांग्रेसी नेता ने तो नाराज होकर अपना मुंडन तक करवा लिया. इस कांग्रेस नेता का नाम सुभाष शर्मा है जो राजेश धर्मानी का करीबी है. इस नेता ने मुंडन करवाने के बाद बाथरूम से ही अर्धनग्न अवस्था में एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर दिया और कहा कि उन्होंने अपना मुंडन राजेश धर्माणी के साथ हुई नाइंसाफी के बाद किया है.
हिमाचल कांग्रेस में इतना बवाल क्यों?
कैबिनेट विस्तार से नाराज इस नेता ने कहा कि मैं दूसरों से भी अनुरोध करता हूं कि सभी शांतिप्रिय तरीके से विरोध करें. देखते हैं सुक्खू जी अब क्या करते हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संभावित कैबिनेट मंत्रियों की जो सूची पार्टी आलाकमान को सौंपी थी उसमें इन दोनों नेताओं के नाम शामिल थे. शनिवार को इन नेताओं को फोन करके बकायदा पूछा गया था कि आप कौन सा विभाग लेना पसंद करोगे. यह दोनों नेता मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की खबर के बाद कांगड़ा और घुमारवीं से शिमला की तरफ चल दिए. लेकिन शपथ लेने से पहले ही जब उनको खबर मिली कि उनके नाम सूची से हटा दिए हैं तो वह वापस अपने जिलों की तरफ लौट गए.
मंत्रिमंडल में शामिल होना तो दूर लेकिन कभी वीरभद्र सिंह के करीबी रहे सुधीर शर्मा को संसदीय सचिव की कुर्सी भी नहीं दी गई. गौरतलब है कि सुधीर शर्मा 2012 में बनी कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक विरोधी कैंप सुधीर शर्मा को कैबिनेट में शामिल करने का विरोध कर रहा था. इससे पहले टिकट आवंटन के समय भी सुधीर शर्मा का विरोध हुआ था. लेकिन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनको टिकट दे दिया था. अब विरोधी गुट ने सुधीर शर्मा की बतौर कैबिनेट मंत्री ताजपोशी पर भी रोड़े अटका दिए.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.