
सिक्किम से ब्रह्मपुत्र की घाटी तक बाढ़-बारिश, लैंडस्लाइड का कहर, पूर्वोत्तर में कुदरती तबाही की देखें 10 तस्वीरें
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मौमस में बदलाव की वजह से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और तीस्ता नदी में खतरनाक उफान आया है, जिससे बचाव और निकासी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बढ़ते जल स्तर और नदी की तेज़ धाराओं की वजह से कई रास्ते भी बह गए.
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कुदरत का क़हर देखने को मिल रहा है. सिक्किम में मूसलाधार बारिश के बाद जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. एजेंसी के मुताबिक, सूबे के उत्तरी इलाके में सैकड़ों घरेलू पर्यटक और दो विदेशी नागरिक मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग के दूरदराज के इलाकों में फंस गए. लगातार हो रही बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ है.
मौमस में बदलाव की वजह से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और तीस्ता नदी में खतरनाक उफान आया है, जिससे बचाव और निकासी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बढ़ते जल स्तर और नदी की तेज़ धाराओं की वजह से कई रास्ते भी बह गए. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मंगन जिले में भारी बारिश जारी रहने के कारण उत्तरी सिक्किम में करीब 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि खराब मौसम की वजह से दो पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
पूर्वी सिक्किम में नीमचेन प्रेमलखा के पास भूस्खलन हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को सतर्क रहने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. उन्होंने बताया कि सड़क संपर्क बाधित होने की वजह से लाचेन में करीब 112 पर्यटक और लाचुंग में 1,350 पर्यटक फंसे हुए हैं. लाचुंग से चुंगथांग और चुंगथांग से थेंग सुरंग तक सड़क साफ करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की भारी मशीनरी तैनात की गई है.
थेंग में एक बड़े भूस्खलन ने शुरू में सड़क को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन अब बताया जा रहा है कि जीआरईएफ कैंप के पास शिपगेयर तक इसे साफ कर दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि कैंप से कुछ सौ मीटर आगे एक बड़ा पत्थर अभी भी हटाया जाना बाकी है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश की वजह से तीस्ता नदी में तेज़ बहाव के कारण द्ज़ोंगू इलाके में स्थित फ़िदांग पुल क्षतिग्रस्त हो गया. उन्होंने बताया, "नदी के बहाव ने इसके आधार को नष्ट कर दिया है, जिससे पुल की संरचनात्मक स्थिरता प्रभावित हो सकती है."
अधिकारियों ने बताया कि मंगन को चुंगथांग से जोड़ने वाला संगकालांग बेली ब्रिज भी तीस्ता नदी के बहाव के कारण आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है. एक अधिकारी ने बताया कि पुल की हालत बहुत खराब है और अब यह सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है. उन्होंने बताया कि मानसून की बारिश तेज हो गई है, जिससे तीस्ता नदी उफान पर आ गई है, जिस पर यह पुल बना हुआ है.

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