
सिंगापुर ने गांजे की तस्करी में भारतीय मूल के शख्स को फांसी पर लटकाया, ब्रिटिश अरबपति बोले- ये ध्वस्त सिस्टम है
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46 साल के तंगाराजू सुपैया को 2013 में 1 किलो से अधिक भांग की तस्करी के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया था. हालांकि जब उसे गिरफ्तार किया गया था तो उसके पास किसी तरह का ड्रग्स नहीं था. इसलिए कई संगठनों ने इस सजा की तीखी आलोचना की है और सिंगापुर सरकार पर निशाना साधा है.
सिंगापुर ने बुधवार को गांजे की तस्करी में दोषी पाए गए एक व्यक्ति को फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी है. इस व्यक्ति का नाम तंगराजू सुपैया है और ये भारतीय मूल का व्यक्ति था लेकिन इसकी नागरिकता सिंगापुर की थी. इस व्यक्ति के परिवार ने सिंगापुर सरकार के पास माफी के लिए दया याचिका दी थी. लेकिन इसके परिवार की मांग पर सुनवाई नहीं हुई.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार 46 साल के तंगाराजू सुपैया को 2013 में 1 किलो से अधिक भांग की तस्करी के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया था. नशीली दवाइयों के खिलाफ सिंगापुर में बेहद सख्त नियम हैं. अधिकारियों का कहना है कि सिंगापुर के समाज की सुरक्षा के लिए जरूरी है. सुपैया से
सिंगापुर के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता कोकिला अन्नामलाई जो कि इस मामले में परिवार का प्रतिनिधित्व कर रही थी ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति की ओर से फांसी की पूर्व संध्या पर क्षमादान की अपील को खारिज करने के बाद सुपैया को फांसी दी गई थी. इस मामले पर जब सिंगापुर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया.
बीबीसी के अनुसार तंगराजू सुपैया को एक किलो गांजा सिंगापुर से मलेशिया पहुंचाने में दोषी पाया गया था. हालांकि गांजे के साथ उन्हें नहीं पकड़ा गया था.
If a criminal justice system cannot safeguard and protect those at risk of execution despite credible claims of innocence, the system is broken beyond repair. This is why Tangaraju Suppiah (a man on death row in Singapore) doesn’t deserve to die: https://t.co/zMQ4owW4os pic.twitter.com/bUWYXhTUEc
सुपैया को फांसी की सजा दिये जाने का संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन समेत कई दूसरे मानवाधिकार संगठनों ने विरोध किया है. इस सजा के विरोध में ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन भी है. ब्रैनसन मृत्युदंड के फैसलों के विरोध में रहे हैं. उन्होंने कहा था कि सुपैया के खिलाफ फैसला आपराधिक सजा के मानकों को पूरा नहीं करता था क्योंकि जब उसे गिरफ्तार किया गया था तो वह ड्रग्स के पास नहीं था.

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