
सड़क पर खुला पड़ा था गटर का ढक्कन, उसमें गिर गया दो साल का मासूम... मां के साथ आइसक्रीम लेने निकला था बच्चा
AajTak
गुजरात के सूरत में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां अपनी मां के साथ आइसक्रीम खाने निकला दो साल का बच्चा खुले गटर में गिर गया. तेज बहाव वाले गटर में गिरे बच्चे की तलाश में फायर ब्रिगेड की टीमें जुटी हैं, लेकिन घंटों की मशक्कत के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिला है. बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. प्रशासन रेस्क्यू में जुटा है.
गुजरात के सूरत में मां के साथ आइसक्रीम लेने निकला 2 साल का बच्चा गटर में गिर गया. इस मामले की सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई. जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और बच्चे की तलाश शुरू की. कई घंटे बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला. फायर ब्रिगेड की टीम रेस्क्यू में जुटी है. गटर के अंदर बच्चे को खोजने के लिए अंडर वॉटर कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, यह घटना सूरत शहर के वरीयाव इलाके की है. यहां दो साल का बच्चा अपनी मां के साथ आइसक्रीम लेने निकला था. रास्ते में गटर लाइन का ढक्कन खुला था, बच्चा उसी में जा गिरा. यह घटना बुधवार को करीब 5:30 बजे की है. इस मामले की जानकारी सूरत महानगरपालिका की फायर ब्रिगेड को दी गई. फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और गटर में बच्चे की तलाश शुरू की. देर रात तक रेस्क्यू जारी रहा, लेकिन बच्चे का पता नहीं चला. गटर के अंदर करीब 1 किलोमीटर तक के दायरे में तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
यह भी पढ़ें: मुंबई में 18 महीने की बच्ची का शव गटर से बरामद, घर के बाहर खेलने के दौरान हुई थी गायब
बच्चे की मां ने कहा कि मेरा बेटा आइसक्रीम खाने निकला था, गटर का ढक्कन खुला हुआ था. मुझे पता नहीं चला था. तभी वह अचानक से उसमें गिर गया. गटर के अंदर दो लोग उतरे थे, उसके बाद भी वह नहीं मिला. अभी तक मेरा बच्चा नहीं मिला है. यह लोग क्या कर रहे हैं, समझ में नहीं आ रहा है. कितने घंटे से ढूंढ़ रहे हैं. सरकार सहित प्रशासन के लोग इस घटना के जिम्मेदार हैं.
सूरत महानगरपालिका के चीफ फायर ऑफिसर बसंत पारीक ने बताया कि बुधवार को 5:45 बजे फायर कंट्रोल रूम को कॉल आया था कि छोटा बच्चा चेम्बर में गिर गया है. इसके बाद तुरंत 5 फायर स्टेशन की गाड़ियां पहुंच गई थीं. एक-एक मैन्युअल खोलकर सर्च किया. अब तक 4 मैनुअल खोल चुके हैं. चेंबर के अंदर 5 से 6 फीट पानी है तो उसका फ्लो ज्यादा है. बच्चे को खोजने के लिए अंडरवाटर कैमरे की मदद ली जा रही है. जवान लगे हुए हैं, पानी का फ्लो ज्यादा होने की वजह से बच्चा कितना आगे चला गया है, अभी बता नहीं सकते. पांच फायर स्टेशन से गाड़ियां बुलाई गई हैं.

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में कर्ज चुकाने के लिए किडनी बेचने का दावा करने वाले किसान रोशन कुदे की मेडिकल जांच में पुष्टि हुई है कि उसके पास केवल एक किडनी है. मामले में छह साहूकार गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस मानव अंग तस्करी और अवैध कर्ज वसूली के एंगल से जांच कर रही है. दावे के मुताबिक इस किसान ने साहूकारों से 50 हजार का कर्ज लिया था जो ब्याज के साथ बढ़कर 74 लाख रुपये तक पहुंच गया.

सुप्रीम कोर्ट ने बोतलबंद पानी की गुणवत्ता से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में पीने के पानी की उपलब्धता प्राथमिकता है और बोतलबंद पानी के मानकों पर विचार करने के लिए सक्षम प्राधिकरण मौजूद है। याचिका में बोतलबंद पानी के पुराने मानकों और प्लास्टिक से रिसने वाले रसायनों के स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंता जताई गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकरण के समक्ष अपनी बात रखने की सलाह दी।

रायपुर की सड़कों पर बिजली के खंभे, पेड़ और ट्रैफिक सिग्नल तक बैनरों से भर गए हैं, जो ड्राइवरों के लिए खतरा भी बन रहे हैं. नगर निगम ने अवैध फ्लेक्स हटाने और जुर्माना लगाने की कार्रवाई तेज कर दी है. पर्यावरण कार्यकर्ता बताते हैं कि ये प्लास्टिक बैनर प्रदूषण बढ़ाते हैं और पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. मौसम खराब होने पर ये बैनर गिरकर सड़क जाम और दुर्घटना का कारण बनते हैं.

राजधानी में प्रदूषण और उत्तर भारत में कोहरे का कहर... PUCC से जुड़े फैसले पर क्या बोले दिल्ली के लोग
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 के चलते 18 दिसंबर से बिना वैध PUC पेट्रोल-डीजल पर रोक लगी. बॉर्डर पर सख्ती बढ़ी, कोहरे से यातायात और खेल गतिविधियां भी प्रभावित हुईं.

MGNREGA के स्थान पर विकसित भारत रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 को लोकसभा में पारित कर दिया गया है. इस बिल को पारित करने के दौरान विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और बिल की कॉपी फाड़ दी. इस नए बिल का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका को और बेहतर बनाना है ताकि बेरोजगारी कम हो और ग्रामीण इलाकों के विकास को बढ़ावा मिले. यह बिल भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और लोगों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है, लेकिन शरद पवार मुंबई से दूरी बनाए हुए हैं. कांग्रेस के EVM के मुद्दे से पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने एक तरफ किनारा कर लिया और अपने सांसदों के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलीं. ऐसे में सवाल उठता है कि शरद पवार की पार्टी के मन में चल क्या रहा है?







