सऊदी अरब ने बताया इजरायल से कब समान्य होंगे रिश्ते, अमेरिका कर रहा है मध्यस्थता
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सऊदी अरब का इजरायल के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है. अमेरिका चाहता है कि सऊदी अरब और इजरायल के बीच रिश्ते समान्य हो, इसलिए अमेरिका, सऊदी अरब और इजरायल के बीच मध्यस्थता कर रहा है.
इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच विवाद में सऊदी अरब खुलकर फिलिस्तीनियों का समर्थन करता रहा है. सऊदी अरब का इजरायल के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है. सऊदी अरब बार-बार कहता रहा है कि जब तक फिलिस्तीन 1967 बॉर्डर के तहत एक अलग मुल्क नहीं बन जाता है, तब तक सऊदी अरब इजरायल के साथ रिश्तों को कायम नहीं करेगा.
अमेरिका दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर रहा है. अमेरिका चाहता है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हो और दोनों देश आधिकारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित करें. लेकिन सऊदी अरब ने शुक्रवार को एक बार फिर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं.
सऊदी विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष राजनयिक ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि सऊदी अरब फिलिस्तीन-इजरायल शांति प्रक्रिया को हल किए बिना इजरायल के साथ संबंधों को समान्य नहीं करेगा.
सऊदी अरब की ओर से यह बयान ऐसे समय पर आया है जब गुरुवार को ही दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के वार्षिक बैठक में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और यरुशलम में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने इजरायल और सऊदी अरब के बीच रिश्ते समान्यीकरण पर चर्चा की थी.
सऊदी अरब अडिग
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने ब्लूमबर्ग से बात करते हुए कहा कि इजरायल के साथ सही मायने में सामान्यीकरण और स्थिरता तभी आएगी जब फिलिस्तीनियों को एक अलग मुल्क दिया जाएगा.