
सऊदी अरब के मक्का पहुंचे ईरान के मुसलमान, सालों बाद मिली इस बात की इजाजत
AajTak
सऊदी अरब और ईरान में सालों से राजनयिक रिश्ता नहीं था जिस कारण ईरान के मुसलमान उमराह के लिए सऊदी नहीं जा पा रहे थे. पिछले साल हालांकि, दोनों ने चीन की मध्यस्थता में अपने रिश्ते सामान्य कर लिए जिसके बाद अब ईरान के मुसलमानों को उमराह करने की इजाजत मिल गई है.
नौ सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि ईरान के मुसलमान उमराह के लिए सऊदी अरब पहुंच रहे हैं. सोमवार को ईरान की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने खबर दी कि ईरानी मुसलमानों का पहला जत्था उमराह के लिए सऊदी रवाना हो गया है. यह संकेत है कि इजरायल और ईरान में चल रहे तनाव के बीच सऊदी से ईरान के रिश्तों में सुधार आ रहा है.
ईरान की मीडिया ने पिछले साल दिसंबर के महीने में जानकारी दी थी कि सऊदी अरब ने उमराह करने के इच्छुक ईरानियों पर से प्रतिबंध हटा दिया है. लेकिन सोमवार से पहले कोई भी ईरानी उमराह के लिए नहीं जा पाया था. ईरान का कहना था कि 'तकनीकी समस्याओं' के कारण उड़ानों में देरी हो रही है.
उमराह पर पाबंदी हटने के बाद ईरान के 85 मुसलमान सऊदी अरब रवाना हुए हैं. सोमवार को जब वो तेहरान के मुख्य हवाई अड्डे से सऊदी रवाना हो रहे थे तब ईरान में सऊदी राजदूत अब्दुल्ला बिन सऊद अल-अन्जी भी वहां मौजूद थे.
सऊदी और ईरान के रिश्ते सामान्य करने में चीन का बड़ा हाथ रहा है. मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता में हुए एक समझौते के तहत दोनों देशों ने अपने राजनयिक रिश्ते बहाल किए हैं.
क्यों खराब हुए सऊदी-ईरान के रिश्ते?
साल 2016 में सऊदी अरब ने एक शिया मौलवी को फांसी दे दी थी जिसे लेकर शिया बहुल ईरान बेहद नाराज हुआ था और वहां के लोग सऊदी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. प्रदर्शनकारियों ने राजधानी तेहरान में सऊदी दूतावास पर हमला कर दिया था जिसके बाद से ही दोनों देशों ने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







