
सऊदी अरब के इनकार का करारा जवाब देने के मूड में मोदी सरकार
AajTak
मोदी सरकार के कार्यकाल में सऊदी अरब के साथ रिश्ते मजबूत हुए हैं. हालांकि, तेल की बढ़ती कीमतों ने भारत और सऊदी अरब के बीच मतभेद पैदा कर दिए हैं.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र की पिछले हफ्ते ही फोन पर बात हुई थी. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया था. पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस की बात तब हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो टूक कह दिया कि वह सऊदी अरब में अपने समकक्ष यानी किंग सलमान से ही बात करेंगे ना कि किंग सलमान के बेटे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि क्राउन प्रिंस सऊदी अरब के रक्षा मंत्री हैं और उनके समकक्ष अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन हैं. अगर क्राउन प्रिंस को बात करनी है तो वे रक्षा मंत्री से बात करेंगे ना कि सीधे राष्ट्रपति बाइडेन से. बाइडेन का यह रुख बताता है कि सऊदी से वो रिश्ते नहीं हैं, जो ट्रंप के कार्यकाल में थे. बाइडेन सऊदी पर लगाम कसना चाहते हैं. लेकिन भारत के लिए सऊदी अरब को लेकर बाइडेन की तरह कोई स्टैंड लेना आसान नहीं है. मोदी सरकार के कार्यकाल में दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते मजबूत हुए हैं. सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का साथ ना देकर अप्रत्यक्ष रूप से भारत की मदद की.
भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







