
श्रीकांत त्यागी को नहीं मिलेगी सरकारी सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज की अर्जी
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वो ऐसा व्यक्ति है, जिसने हिंसा का रास्ता चुना और वह लोगों की जिंदगी की कद्र नहीं करता है. उसके पास राज्य सरकार से ये गुजारिश करने का कोई अधिकार नहीं है कि विरोधियों से उसकी जान बचाने के लिए सरकार विशेष प्रबंध करे.
नोएडा के विवादास्पद नेता श्रीकांत त्यागी की पुलिस सुरक्षा दिलाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. श्रीकांत त्यागी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी त्यागी को राहत नही मिली थी. हाईकोर्ट ने श्रीकांत त्यागी की पुलिस सुरक्षा की मांग वाली अर्जी को कड़ी टिप्पणी करते हुए खारिज कर दी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वो ऐसा व्यक्ति है, जिसने हिंसा का रास्ता चुना और वह लोगों की जिंदगी की कद्र नहीं करता है. उसके पास राज्य सरकार से ये गुजारिश करने का कोई अधिकार नहीं है कि विरोधियों से उसकी जान बचाने के लिए सरकार विशेष प्रबंध करे.
कोर्ट ने कहा था कि हमारा मानना है, ऐसे व्यक्ति को व्यक्तिगत सुरक्षा देने से उसकी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे समाज को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा. ऐसे व्यक्ति को अगर कोई खतरा है, तो वह उसका अपना खुद का मामला है, जिसके लिए सरकार उसे सुरक्षा नहीं दे सकती है.
श्रीकांत त्यागी को पिछले साल अगस्त में नोएडा की एक सोसायटी में एक महिला के साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, त्यागी उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह अपनी सोसायटी में एक महिला के साथ मारपीट करते हुए देखा गया था.
नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में हंगामा हुआ था. श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी का पेड़ लगाने को लेकर यह विवाद हुआ था. इसके बाद अनु त्यागी के समर्थन में त्यागी समाज के लोग धरने पर बैठ गए थे. जिस पेड़ को हटाने को लेकर श्रीकांत त्यागी ने एक महिला के साथ अभद्रता की थी, उसी पार्क में दोबारा पेड़ लगवाने के लिए श्रीकांत की पत्नी अनु त्यागी ने पेड़ मंगवाए थे. सोसायटी के गेट पर गाड़ियों में पेड़ लदे देखकर सोसायटी के लोग भड़क गए और विरोध करने लगे थे. इसके बाद फिर विवाद हुआ था.

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