शहीद भगत सिंह पर हर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ‘रिसर्च चेयर’ बनाने की राज्यसभा में उठी मांग
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देश मंगलवार को शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस मना रहा है. इस मौके पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही उनके विचारों पर रिसर्च कराने की मांग भी की गई...
देश मंगलवार को शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस मना रहा है. इस मौके पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही उनके विचारों पर रिसर्च कराने की मांग भी की गई... आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद! #ShaheedDiwas pic.twitter.com/qs3SqAHkO9 बलिदान- बॉर्डर पर जवान का, दिल्ली सीमा पर किसान का, केंद्र सरकार जवाब दो, उनकी शहादत के अपमान का!#ShaheedDiwas संसद में शहीदों के लिए मौन संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में आज कार्यवाही शुरू किए जाने से पहले शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी गई. संसद के दोनों सदनों में शहीदी दिवस के मौके पर मौन रखा गया. आज ही के दिन 1931 में शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का फांसी पर चढ़ा दिया गया था.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.