
शराब घोटाला: सिसोदिया और कारोबारी विजय नायर मुख्य साजिशकर्ता, दिल्ली हाई कोर्ट में बोली CBI
AajTak
CBI ने कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कारोबारी विजय नायर मुख्य साजिशकर्ता थे. मनीष सिसोदिया ने इस मामले में दूसरे लोगों को दी गई राहत के आधार पर खुद के लिए राहत मांगी थी. मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों ने मिलकर साजिश की और नीति बनाया जिसे एलजी ने अप्रूवल नहीं दिया.
सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी कई जरूरी बातें बताई. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि रद्द की जा चुकी शराब नीति को दिल्ली में शराब कारोबार से जुड़ी गुटबंदी को प्रभावित करने के लिए बदला गया था. CBI ने कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कारोबारी विजय नायर मुख्य साजिशकर्ता थे. मनीष सिसोदिया ने इस मामले में दूसरे लोगों को दी गई राहत के आधार पर खुद के लिए राहत मांगी थी. उन्होंने कहा था कि वो गवाहों या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू से उनकी समझ के लिए पूरे घोटाले को समझाने के लिए कहा.
एएसजी राजू ने कहा कि आरोपी पैसे कमाना चाहते थे लेकिन साथ ही वे दिखाना चाहते थे कि वे पारदर्शी हैं जो कि वे थे नहीं. उन्होंने कहा कि यह एक धोखाधड़ी थी, एक घोटाला जिससे पैसा बनाया जाना था. लेकिन वे दिखाना चाहते थे कि वे पारदर्शी हैं. शराब के निर्माता, थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेता सभी जुड़े हुए थे. पॉलिसी के फलीभूत होने से पहले 90-100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी. मनीष सिसोदिया की संलिप्तता सभी चीजों के टॉप पर थी.
एएसजी राजू ने हाई कोर्ट से कहा कि 25 अप्रैल को निचली अदालत के समक्ष मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है और अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है.
मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों ने मिलकर साजिश की और नीति बनाया जिसे एलजी ने अप्रूवल नहीं दिया. इसके बाद अदालत ने मामले में शुक्रवार तक सुनवाई टाल दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







