शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ मुस्लिम लीग की याचिका पर सुनवाई 2 हफ्ते टली, केंद्र ने कहा- इसका CAA से संबंध नहीं
ABP News
2019 में CAA पास होने के बाद उसका विरोध शुरू हो गया था. इस कानून में मुसलमानों के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर 140 से ज़्यादा याचिकाएं दाखिल हुई थीं. दिसंबर 2019 में कोर्ट ने मामले में केंद्र को नोटिस जारी किया था, लेकिन बिना सरकार का पक्ष सुने कानून पर रोक लगाने पर विचार से मना कर दिया था. उसके बाद एक बार मामला लगा, पर सुनवाई नहीं हो सकी. बाद में कोरोना के चलते कोर्ट का सामान्य कामकाज प्रभावित हो गया और मामला लंबित रहा.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 2 हफ्ते टल गई है. याचिकाकर्ता इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के वकील कपिल सिब्बल ने आज सुप्रीम कोर्ट से केंद्र के हलफनामे पर जवाब देने के लिए समय की मांग की. इसे कोर्ट ने मान लिया. केंद्र ने कहा है कि इस प्रक्रिया को CAA से जोड़ना गलत है. नागरिकता के आवेदन 1955 के कानून के आधार पर लिए जा रहे हैं. किस आदेश का हो रहा है विरोध?28 मई को जारी आदेश के तहत केंद्र सरकार ने 13 जिला कलेक्टरों को नागरिकता के आवेदन पर विचार कर निर्णय लेने की शक्ति दी है. यह जिले हैं :-More Related News