
'व्हाट्सएप पर नहीं पढ़ें इतिहास', औरंगजेब की कब्र पर विवाद के बीच बोले राज ठाकरे
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मनसे चीफ राज ठाकरे ने औरंगजेब से जुड़ी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा,
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे ने मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे को लेकर राज्य बढ़ रहे साम्प्रदायिक तनाव पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि इतिहास को धर्म और जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
मुंबई के शिवाजी पार्क में वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भ्रामक ऐतिहासिक नैरेटिव और व्हाट्सएप संदेशों के प्रति आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि इतिहास का अध्ययन सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से किया जाना चाहिए.
राज ठाकरे ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र पर विवाद पैदा करने के राजनीतिक प्रयासों की आलोचना की. इस कारण नागपुर में हिंसा हुई.
ठाकरे ने ऐसी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें पानी के स्रोतों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन हमें औरंगजेब की कब्र की चिंता है?" उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का शिकार होने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, "लोगों को इतिहास के नाम पर लड़ाया जा रहा है और राजनेता संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों का फायदा उठाते हैं."
औरंगजेब शिवाजी नामक एक विचार को मारना चाहता था
ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि मुगल शासक औरंगजेब ने मराठों से लड़ते हुए महाराष्ट्र में 27 साल बिताए, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कुचलने की कोशिश की लेकिन आखिरकार असफल रहा.

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