
'लड़की बहिन योजना से बजट पर बढ़ा दबाव', भरणे के बाद अब भुजबल भी बोले, अजित पवार ने कहा- बात करेंगे
AajTak
महाराष्ट्र की सरकार में अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी कोटे के मंत्री दत्तात्रेय भरणे के बाद अब छगन भुजबल ने भी लड़की बहिन योजना के कारण बजट पर दबाव बढ़ने की बात कही है.
महाराष्ट्र चुनाव से पहले के अंतिम बजट में सूबे की सरकार ने महिलाओं के लिए डायरेक्ट कैश बेनिफिट स्कीम मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना का ऐलान किया था. विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ महायुति की सत्ता में वापसी के लिए भी इस योजना को क्रेडिट दिया जाता है. इस योजना के तहत हालिया जून की किश्त समेत कुल 12 किश्तें लाभार्थियों के खाते में भेजी जा चुकी हैं. इस योजना को लेकर अब सरकार के भीतर से भी विरोध के सुर उठते दिख रहे हैं.
देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने लड़की बहिन योजना के कारण बजट पर दबाव पड़ने, आवंटन धीमा हो जाने की बात कही है. एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इंदापुर तालुका के लिए सभी विभागों से अधिकतम बजट प्राप्त करने की निरंतर कोशिश करता हूं. इस समय लड़की बहन योजना के कारण बजट आवंटन बहुत धीमा हो गया है. मंत्री ने यह भी कहा कि व्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है.
दत्तात्रेय भरणे बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के वरिष्ठ नेता और सूबे की सरकार के मंत्री छगन भुजबल की भी प्रतिक्रिया आई है. छगन भुजबल ने कहा कि भरणे के बयान में कुछ भी विवादास्पद नहीं है. यहां छिपाने की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि घर में अचानक कोई बड़ा खर्च आता है तो प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, यह स्वाभाविक है. छगन भुजबल ने कहा कि इस योजना के लिए सरकार को 45 हजार करोड़ रुपये अलग रखने पड़े, इसलिए अन्य विभागों पर वित्तीय दबाव पड़ा.
यह भी पढ़ें: 'आपने हमें मतदाताओं के दिल जीतने का रास्ता दिखाया...', अजित पवार ने 'लड़की बहिन योजना' के लिए शिवराज को दिया धन्यवाद
महायुति सरकार में एनसीपी (एपी) कोटे से मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि देरी का असर शिव भोजन थाली और इसके जैसी अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर भी पड़ रहा है. लड़की बहिन योजना की अगली किश्त में देरी की अटकलों पर उन्होंने कहा कि लाभार्थियों तक पैसा समय पर पहुंच जाएगा. इस योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि नहीं बची है और व्यवस्था के स्थिर होने तक ऐसी देरी होती रहेगी. छगन भुजबल ने कहा कि कहां और कैसे बजट आवंटित किया जाए, प्राथमिकता तय करना सरकार पर निर्भर है.
यह भी पढ़ें: 'पूरा मंत्रिमंडल अजित पवार से नाराज, महायुति के लोग एक-दूसरे की गर्दन तक...', बोले उद्वव गुट के MLA सचिन अहीर

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.










