'लगातार हो रही थी फायरिंग, बरस रहे थे पत्थर...', नूंह हिंसा की आंखो-देखी, जानिए पूरी टाइमलाइन
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हरियाणा के नूंह में सोमवार को जो हिंसा हुई, वह नल्हड़ शिव मंदिर से निकली शोभा यात्रा के दौरान हुई. दोपहर 1 बजे यात्रा निकली और दोपहर 1:30 बजे यात्रा मेडिकल चौक पहुंची. तभी यात्रा की कारों और बसों पर पथराव हो गया. इसके करीब आधे घंटे बाद दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए. सिर्फ पत्थर ही नहीं, रॉड, डंडे और बंदूकों का इस्तेमाल किया गया.
हरियाणा का नूंह जिला महाभारत कालीन शिवमंदिर और इस इतिहास से जुड़े धार्मिक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है. हर साल सावन के सोमवार के दिन ब्रजमंडल यात्रा निकलती है. वही यात्रा इस साल भी निकली थी, लेकिन इस बार यात्रा के दौरान कुछ और होना मंजूर था. हुआ भी वही, जिसे आमतौर पर तो अनहोनी कहा जाएगा, लेकिन जिस तरह के इनपुट और जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे ये साबित होता जा रहा है कि ये अनहोनी नहीं एक साजिश थी, सोची-समझी साजिश.
एक वायरल वीडियो, भड़की हिंसा और पांच की मौत हुआ यूं कि यात्रा से पहले मोनू मानेसर नाम के डबल मर्डर केस में फरार आरोपी का एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो के बिनाह पर सोशल मीडिया में यात्रा में मोनू मानेसर के शामिल होने की अफवाह उड़ाई जाने लगी. इसकी जानकारी पुलिस को थी. पुलिस कहती है कि नाकों पर पुलिस की तैनाती भी थी, लेकिन बीच रास्ते में हमला हो गया. यात्रा को घेरकर पत्थरबाजी होने लगी तो हिंसा दोनों तरफ से शुरू हो गई. मंदिर में सैकड़ों लोग घेर लिए गए. इसके बाद जो हुआ वह सबके सामने है. पत्थरबाजी, फायरिंग, आगजनी और पांच की मौत...
1 बजे निकली थी यात्रा ये सावन मास का चौथा सोमवार था और दोपहर हो चुकी थी. 1 बजे का वक्त था और नल्हड़ शिव मंदिर से यात्रा की शुरुआत हुई और दोपहर 1:30 बजे यात्रा मेडिकल चौक पहुंची. तभी मुस्लिम मोहल्ले से यात्रा की कारों और बसों पर पथराव हो गया. इसके करीब आधे घंटे बाद दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए. सिर्फ पत्थर ही नहीं, रॉड, डंडे और बंदूकों का इस्तेमाल किया गया. करीब 2:30 से 3:00 बजे तक 5 हवाई फायर हुए. इसके बाद आगजनी और हिंसा का दौर शाम 4 बजे के बाद तक जारी रहा. यात्रा के दौरान क्या-क्या हुआ और हिंसा कैसे-कैसे फैली, आजतक से बात करते हुए एक प्रत्यक्षदर्शी ने रोंगटे खड़े करने वाला वाकया बताया.
चारों ओर थे सिर्फ उपद्रवी बृजमडंल यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा, यात्रा में शामिल सोनीपत के रहने वाले अनिल पुस्कुरान ने आंखों देखी बताई. उन्होंने बताया कि मंदिर से यात्रा निकलने के बाद नूंह चौक पर पत्थरबाजी की गई थी. यात्रा के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे. सिर्फ चारों तरफ उपद्रवी थे जो उपद्रव कर रहे थे. गाड़ी और गाड़ियों को उपद्रवी जलाते हुए चल रहे थे. हॉस्पिटलों की छतों पर चढ़कर पत्थरबाजी हो रही थी. अनिल ने बताया कि उन्होंने भी अपना सिर बचाते हुए किसी तरह उपद्रवियों और पत्थरबाजी के बीच से भागते हुए जान बचाई है. उपद्रवियों के हाथ में लाठी-डंडे पत्थर और तेजधार हथियार थे. अनिल पर भी लाठी-डंडे और पत्थर बरसते रहे और वह भागता रहा. वहीं पुलिस ने उन्हें 8 बजे रेस्क्यू किया. उस समय तक लोगों में हालात बहुत ज्यादा खराब हो चुके थे.
कब, क्या, कैसे हुआ, जानिए प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी ब्रजमंडल यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा और बवाल के बाद प्रदेश के हालात सुधारने के लिए सरकार ने अति संवेदनशील एरिया में धारा 144 लगा दी है. इसके साथ ही अतिरिक्त फोर्स की मांग भी कर ली गई है. ब्रजमंडल यात्रा के दौरान सोनीपत निवासी अनिल पुस्कुरान भी सोनीपत से इस यात्रा में शामिल होने के लिए मेवात पहुंचे थे. अनिल ने पूरे मामले की जो आंखों देखी बताई है उससे किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं.
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