
लंबी जंग और दुनियाभर के बैन के बावजूद यूरोप से आगे निकला रूस, कैसे पुतिन ने आपदा को अवसर बना दिया?
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इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के मुताबिक, पिछले साल रूस की अर्थव्यवस्था को 3 प्रतिशत बढ़त मिली, जबकि अमेरिका ढाई प्रतिशत पर अटका रहा. ये हाल तब है, जबकि रूस पर दुनियाभर की पाबंदियां लगी हुई हैं, साथ ही दो सालों से यूक्रेन के साथ उसकी जंग भी जारी है. इतनी रुकावटों के बाद भी वो घुटनों पर नहीं आया. क्या है इसकी वजह?
जनवरी में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था वो यूरोप की टॉप इकनॉमी बन चुके हैं. ये बात यूं ही नहीं कही गई. खुद यूनाइटेड नेशन्स की संस्था IMF ने माना कि G7 देशों में रूस की अर्थव्यवस्था सबसे बढ़िया रही. यहां बता दें कि G7 देशों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क आते हैं. पुतिन ने दावा किया कि उनका देश GDP के मामले में वर्ल्ड के पांच सबसे मजबूत देशों में आ चुका है. लेकिन सवाल ये है कि इतनी रुकावटों के बाद भी पुतिन का देश अमीर कैसे बना हुआ है.
ज्यादातर देशों ने लगाईं कई पाबंदियां
दो साल पहले फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू हुई. इस दौरान छोटे से लेकर बड़े देशों में रूस को रोकने के लिए उसपर पाबंदियां लगाने की होड़ मच गई. अगले दो सालों में 10 हजार से ज्यादा बैन लग गए. कई देशों ने अपने यहां रूसी प्रॉपर्टी फ्रीज कर दी. कई ने उससे तेल या हथियारों के व्यापार पर अनिश्चित समय के लिए रोक लगा दी. बहुत से देशों ने मिलकर तय किया कि वे रूस के राष्ट्रपति या दूसरे नेताओं को अपने यहां आने नहीं देंगे. ये डिप्लोमेटिक बैन है, जिससे संबंध बुरी तरह प्रभावित होते हैं.
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इंटरनेशनल बैन को सीधी लड़ाई से ज्यादा असरदार माना जाता रहा. पाबंदियों से अलग-थलग पड़े देश आमतौर पर कुछ समय में हार मान जाते हैं. ये बिल्कुल वैसा ही है, जैसे गलत काम करने पर समाज में किसी परिवार का हुक्का-पानी बंद करवा दिया जाना. देश भी यही तरीका अपनाते रहे.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.









