रोहिंग्याओं पर एक ट्वीट करके घिर गए हरदीप पुरी, जानिए कैसे बढ़ गया बवाल?
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भारत में रोहिंग्याओं के मुद्दे पर बवाल मचा हुआ है. इस पूरे विवाद का केंद्र बिंदु केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का वह ट्वीट है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा. इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया. मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई.
भारत में रोहिंग्याओं का मामला एक बार फिर चर्चा में है. इस बार विवाद इन्हें देश से बाहर करने पर नहीं बल्कि बसाने को लेकर है. इस पूरे विवाद का केंद्र बिंदु केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का वह ट्वीट है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. हालांकि, इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया. मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. यहां तक कि बीजेपी के तमाम नेताओं, विश्व हिंदू परिषद और संघ ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की. इसके बाद सरकार बैकफुट पर नजर आई. गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रोहिंग्याओं को बसाने की कोई योजना नहीं है, उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा.
क्या है मामला?
दरअसल, समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में सामने आया था कि दिल्ली में कैंप में रहने वाले करीब 1100 रोहिंग्याओं को जल्द EWS फ्लैट में शिफ्ट किया जा सकता है. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि हाल ही में दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 7 जुलाई को दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हुई थी.
इस बैठक में यह बात सामने आई थी कि मदनपुर खादर इलाके में रोहिंग्याओं को जिस कैंप में रखा गया था, वहां आग लगने के बाद उन्हें टेंटों में शिफ्ट किया गया था. इन टेंटों के लिए दिल्ली सरकार लगभग 7 लाख रुपये प्रति महीना किराया वहन कर रही है. इस मीटिंग में रोहिंग्याओं को फ्लैट में शिफ्ट करने का फैसला किया गया.
हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट पर मचा बवाल
केंद्रीय हरदीप सिंह पुरी ने इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था. उन्होंने कहा, भारत हमेशा उनका स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है. एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं, UNHRC आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
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