
राहुल गांधी की पैरवी करने वाले वकील से सजा सुनाने वाले जज तक... मोदी सरनेम केस से जुड़े अहम किरदारों की प्रोफाइल
AajTak
भारतीय राजनीति में चार दिन से कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुर्खियों में बने हुए हैं. चार साल पहले मोदी सरनेम को लेकर कथित टिप्पणी को लेकर सूरत की कोर्ट ने दोषी पाया है और दो साल जेल की सजा सुनाई है. अब राहुल की लोकसभा की सदस्यता भी जा चुकी है. इस पूरे मामले में चार किरदार प्रमुख तौर पर नजर आते हैं. पहले खुद राहुल गांधी, दूसरे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी, तीसरे सेशन कोर्ट के जज और राहुल के वकील किरीट पानवाला. जानिए इनके बारे में...
गुजरात की सूरत कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा संकट आ गया है. कोर्ट ने चार साल पुराने मानहानि के मामले में राहुल को दोषी पाया और दो साल जेल की सजा सुनाई है. बाद में लोकसभा सचिवालय ने राहुल की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया.
बता दें कि राहुल ने मोदी सरनेम को लेकर कथित विवादित टिप्पणी की थी. पूरे प्रकरण को गौर से देखें तो इसमें चार किरदार प्रमुख तौर पर नजर आते हैं. पहले- खुद राहुल गांधी हैं, जिन्होंने ये टिप्पणी की. उसके बाद इस टिप्पणी पर केस दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी, तीसरे- सूरत की सेशन कोर्ट के जज सीजेएम हरीश हंसमुख भाई वर्मा और चौथे किरदार- राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला.
राहुल गांधी: सजा और सांसदी जाने से विशेष तौर पर सुर्खियों में...
इस पूरे प्रकरण में राहुल गांधी सबसे मुख्य किरदार हैं. 19 जून 1970 को जन्मे राहुल गांधी के साथ यह हमेशा जुड़ा रहा है कि वो देश की सबसे प्रतिष्ठित सियासी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं. इसके अलावा देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल से जुड़ाव उन्हें विरासत में मिला है. 2003 तक उनके राजनीति में प्रवेश करने की स्थिति साफ नहीं थी, लेकिन मार्च 2004 में उन्होंने चुनाव लड़ने के साथ राजनीति में प्रवेश की घोषणा की. इसके साथ ही उनकी राजनीतिक पारी अमेठी (यूपी) से शुरू हुई जो कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है. साथ ही सोनिया गांधी और इससे पहले संजय गांधी (चाचा) का भी राजनीति में पदार्पण इसी इलाके से हुआ था. इसके बाद राहुल गांधी की राजनीतिक पारी बयानों, उनकी आलोचानओं, विरोध का संगम रही है. साल 2013 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके द्वारा अध्यादेश फाड़े जाने का मामला बहुत तूल पकड़ा था, जिसे वर्तमान के हालिया प्रकरण में फिर से याद किया जा रहा है. राहुल गांधी का पूरा राजनीतिक करियर कुछ इस तरह रहा है...
राजनीति में प्रवेश, मार्च 2004: पहला लोकसभा चुनाव अमेठी से लड़े और 1 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज की. 2004-2006: इस दौरान उन्हें गृह मामलों पर स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया.2007-2009: मानव संसाधन विकास पर स्थायी समिति के सदस्य बने. यूपी विधानसभा चुनाव 2007 के लिए कांग्रेस प्रचार अभियान की कमान संभाली. हालांकि, ये प्रयोग असफल रहा. कांग्रेस ने सिर्फ 22 सीटें जीतीं.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








