
राजस्थान: 200 फीट गहरे बोरवेल में गिरी एक साल की बच्ची, Video में रोती-बिलखती दिखी
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राजस्थान के दौसा में एक वर्षीय बच्ची बोरवेल में गिर गई है. ये घटना दौसा जिले के बांदीकुई उपखंड के जस्सापाड़ा गांव की बताई जा रही है जहां पर अंकिता गुर्जर नाम की मासूम 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई.
राजस्थान के दौसा में एक साल की बच्ची बोरवेल में गिर गई है. ये घटना दौसा जिले के बांदीकुई उपखंड के जस्सापाड़ा गांव की बताई जा रही है जहां पर अंकिता गुर्जर नाम की मासूम 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई. यह बच्ची खेलते खेलते बोरवेल में गिरी है. जैसे ही परिजनों को इस बात की जानकारी लगी, तत्काल प्रशासन को सूचना दी गई जिसके बाद मौके पर जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर भेजे गए ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जा सके.
अभी के लिए प्रशासन ने जयपुर से एसडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुला लिया है और राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि यह काफी पुराना बोरवेल है और कच्चा है. करीब 200 फीट का यह बोरवेल बताया जा रहा है जिसमें अंकिता 60-70 फीट की गहराई पर अटकी हुई है. फिलहाल पुलिस और प्रशासन की कोशिश है कि बोरवेल में गिरी बच्ची को सकुशल बाहर निकाला जाए. जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. मेडिकल टीम भी तैनात कर दी गई है और बच्ची को पाइप के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. वहीं निगरानी के लिए सीसीटीवी भी बोरवेल में लगाया गया है.
जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें बच्ची काफी रोती-बिलखती दिख रही है. रेस्क्यू टीम पूरी कोशिश कर रही है कि उसे जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए. लेकिन ये ऑपरेशन काफी चुनौतिपूर्ण दिखाई दे रहा है. बच्ची बोरवेल के बीच में कही अटक गई है, ऐसे में बिना उसे चोट लगे बाहर निकालना टीम की पहली प्राथमिकता है. वहीं बच्ची को ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसलिए एक पाइप के जरिए लगातार ऑक्सीजन भी दी जा रही है. अब कितनों घंटों तक ये रेस्क्यू चलता है, अभी स्पष्ट नहीं.
वैसे इस मामले के सामने आते ही एक बार फिर प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. आखिर इलाकों में बोरवेल खुले कैसे छोड़ दिए जाते हैं? तमाम घटनाओं के बाद भी बोरवेल बंद क्यों नहीं किए गए हैं? इससे पहले भी कई मासूम इसी लापरवाही की वजह से बोरवेल में गिरे हैं. कुछ की जान बच जाती है तो कुछ दम भी तोड़ देते हैं.
इस साल मई में पंजाब के होशियारपुर के गदरीवाला गांव में बोरवेल में गिरे छह साल के ऋतिक की मौत हो गई थी. करीब आठ घंटे तक NDRF, आर्मी और पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. ऋतिक को उस बोरवेल से बाहर भी निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो गई और अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

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