
'यूरोप की समस्या यूरोप की, दुनिया की नहीं..', पश्चिमी देशों को जयशंकर की नसीहत
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोप को आईना दिखाया है. उन्होंने कहा है कि यूरोप इस मानसिकता से बाहर निकले कि उसकी समस्याएं पूरी दुनिया की समस्याएं हैं लेकिन दुनिया की समस्या, यूरोप की समस्या नहीं है.
यूरोप के दौरे पर स्लोवाकिया पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोप को लेकर अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यूरोप को उस मानसिकता से बाहर निकालना होगा कि उसकी समस्याएं पूरी दुनिया की समस्याएं हैं लेकिन दुनिया की समस्या, यूरोप की समस्या नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत के चीन के साथ रिश्ते असहज हैं, लेकिन हमें इसको मैनेज करना आता है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यूरोप ये न सोचे कि अगर चीन के साथ भारत की समस्या बढ़ती है तब यूक्रेन पर भारत के रूख के कारण उसे दुनिया का सपोर्ट मिलने में दिक्कत आ सकती है.
रूस के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करे भारत दरअसल, यूरोपीय देशों की ओर से भारत को लगातार इस बात के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है कि भारत यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ कठोर कदम उठाए. यूरोपीय देशों का तर्क यह है कि भविष्य में भारत को चीन से ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में जयशंकर ने कहा कि चीन को इस बारे में कहीं और से कोई उदहारण की जरूरत नहीं है कि हमे कैसे शामिल करे या न करे.
चीन के साथ स्थिति कंट्रोल करने में भारत सक्षम विदेश मंत्री ने कहा, आप जिस जुड़ाव की बात कर रहे हैं, हमारे चीन के साथ संबंध असहज हैं और हम इनका प्रबंधन कर सकते हैं. अगर मुझे इस बारे में दुनिया का समर्थन मिलता है तो ये हमारे लिए मदद की बात होगी. जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारी कई समस्याओं का यूक्रेन से कोई लेनादेना नहीं है और न ही इसका रूस से ही कोई लेना-देना है.
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रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत खत्म हो दरअसल, विदेश मंत्री से ये पूछा गया था कि अगर भारत यूक्रेन को लेकर दूसरों की सहायता नहीं करता है तो चीन के साथ अगर उसकी कोई समस्या होती है तब कोई भारत की मदद करेगा. जयशंकर ने कहा कि आज इस बारे में एक कड़ी बनाई जा रही है. चीन एवं भारत और यूकेन के घटनाक्रम के बीच संबंध जोड़े जा रहे हैं.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







