
मोरबी: 'हर चीज की हो बारीक जांच', PM मोदी का हाई लेवल मीटिंग में निर्देश, घटनास्थल का जायजा भी लिया
AajTak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की है. उनकी तरफ से घटनास्थल का मुआयना भी किया गया है, जानने का प्रयास रहा है कि आखिर कैसे इतना बड़ा हादसा हो गया. पीएम ने उन अधिकारियों से मुलाकात भी की है जो रेस्क्यू में शामिल थे.
गुजरात के मोरबी में हुए भयंकर हादसे के बाद आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल का मुआयना किया. उनकी तरफ से सिविल अस्पताल जा पीड़ितों से भी मुलाकत की गई. पीएम ने उन अधिकारियों से भी बातचीत की जो रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थे.
जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को शाम साढ़े छह बजे मोरबी में बड़ा हादसा हो गया था. सस्पेंशन ब्रिज टूटने की वजह से कई लोग नदी में डूब गए थे. उस हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल बताए जा रहे हैं. अब उसी त्रासदी का मुआयना करने के लिए पीएम मोदी मोरबी पहुंचे थे.
पीएम ने किया घटनास्थल का मुआयना
सबसे पहले पीएम मोदी का काफिला उस जगह पर गया था जहां पर हादसा हुआ था. प्रधानमंत्री ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का तो जायजा लिया ही, ये भी समझने का प्रयास किया कि आखिर ये हादसा हुआ कैसे. जिस समय पीएम स्थिति का जायजा ले रहे थे, तब उनके साथ राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी भी मौजूद थे.
वैसे जब पीएम घटनास्थल का मुआयना ले रहे थे, प्रशासन द्वारा उस बोर्ड को ढक दिया गया था जहां पर ओरेवा कंपनी का लोगो लगा था. असल में ओरेवा वो कंपनी है जिसने मोरबी ब्रिज का रिनोवेशन किया था. पिछले सात महीने से ये कंपनी ही इस ब्रिज की मरम्मत कर रही थी. खैर घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पीएम ने उन अधिकारियों से मुलाकात की जो रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थे.
पीड़ितों से की अस्पताल में मुलाकात

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










