
मोदी का परिवारवाद की राजनीति पर जोरदार प्रहार, बीजेपी नेताओं से मांगी बड़ी कुर्बानी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेताओं को परिवारवाद की राजनीति से हमेशा के लिए तौबा कर लेने की सलाह दी है, और कहा है कि राजनीति में भी जमींदारी प्रथा खत्म होनी चाहिये. बीजेपी नेताओं को ये नसीहत देकर नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक विरोधियों को नई मुश्किल में डाल दिया है.
परिवारवाद की राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताजा नसीहत ने बहुतों की टेंशन बढ़ा दी होगी. मोदी के मुंह से अब तक ऐसी बातें कांग्रेस और ऐसे तमाम क्षेत्रीय दलों के लिए ही सुनने को मिलती थीं. अब तो मोदी ने सीधे सीधे बीजेपी के नेताओं को ही कुर्बानी देने की चुनौती दे डाली है - और लगे हाथ संभावित बाकी नेताओं को भी पहले से ही आगाह कर दिया है.
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मोदी जंगलराज का युवराज कह कर संबोधित करते रहे. 2021 में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल में अभिषेक बनर्जी को राजकुमार कह रहे थे. 2023 में तेलंगाना में मोदी ने बीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव पर परिवारवाद की राजनीति के लिए हमला बोला तो, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उसी स्टाइल में निशाना बनाकर हैरान करने लगे - राहुल गांधी को तो मोदी और बीजेपी नेता शुरू से ही युवराज बुलाते रहे हैं.
अब तक मोदी जब भी परिवारवाद की राजनीति को लेकर देश में कांग्रेस और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल को टार्गेट करते रहे, विरोधियों की तरफ से बीजेपी में नेताओं के बेटे-बेटियों और परिवार के लोगों को टिकट दिये जाने की तरफ ध्यान दिलाया जाता रहा. लेकिन, देर से ही सही, चैरिटी बिगिंस ऐट होम वाला फॉर्मूला अपनाते हुए मोदी ने बीजेपी नेताओं से कुर्बानी देकर नजीर पेश करने की सलाह दे डाली है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेताओं से साफ तौर पर बोल दिया है कि राजनीति में जमींदारी प्रथा खत्म होनी चाहिये, और परिवारवाद की राजनीति में कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिये.
1. राजनीति में भी जमींदारी प्रथा खत्म होनी चाहिये
परिवारवाद की राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेताओं को ऐसी सलाह दी है, जिसे सुन कर बहुतों के पांव तले जमीन खिसक चुकी होगी. 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' जैसे नारे तो पहले से ही लगाये जाते रहे हैं, लेकिन परिवारवाद पर बीजेपी नेताओं को ऊपर से पहली बार बेहद सख्त नसीहत मिली है.

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