मॉडल से महाराज बनने तक 'भय्यू' जी के जीवन का सफर, जिनके कातिलों को अब मिली सजा
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मूल रूप से भय्यूजी महाराज मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के रहने वाले थे. जहां शुजलपुर नाम की जगह पर उनका जन्म 29 अप्रैल 1968 को हुआ था. जन्म के बाद उनका नाम उदय सिंह देशमुख रखा गया था. उनके पिता विश्वासराव देशमुख एक जमींदार थे, जबकि माता कुमुदिनी देवी एक गृहणी थीं.
भय्यूजी महाराज की आत्महत्या के बहुचर्चित मामले में इंदौर की अदालत ने शुक्रवार को उनके सेवादार विनायक और शिष्या पलक समेत तीनों दोषियों को कारावास की सजा सुना दी. भय्यूजी के जीवन की कहानी भी काफी दिलचस्प है, वो युवावस्था में मॉडल बनना चाहते थे. लेकिन किस्मत ने उन्हें एक संत बना दिया. सारी जिंदगी वो समाज की सेवा करते रहे. लोगों के काम आते रहे. आपको बताते हैं भय्यूजी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.
चुनाव आयोग के मुताबिक, इस लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट के मेमोरी वेरिफिकेशन के लिए प्रति मशीन 40 हजार रुपए और उस पर 18 फीसदी जीएसटी एडवांस जमा करना पड़ता है. आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों को टीम सभी के सामने डाटा वेरिफाई करती है. अगर शिकायत सही मिली यानी ईवीएम डेटा और पर्चियों के बीच अनियमितता यानी गड़बड़ पाई गई तो कार्रवाई होगी.
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