मुख्तार अब्बास नकवी ने PM मोदी से मिलकर केंद्रीय मंत्री पद से दिया इस्तीफा
AajTak
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकबी ने इस्तीफा दे दिया है. वे अल्पसंख्यक मामलों का विभाग संभाल रहे थे.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस्तीफा दे दिया है. वे अल्पसंख्यक मामलों का विभाग संभाल रहे थे.नकवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद इस्तीफा दिया. नकवी आज अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में पीएम मोदी ने मंत्री के तौर पर नकवी के योगदान की तारीफ की. स्टील मंत्री आरसीपी सिंह के लिए भी आज कैबिनेट की आखिरी बैठक थी.
मुख्तार राज्यसभा के सदस्य थे. उनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा था. नकवी को इस बार बीजेपी ने राज्यसभा सदस्य नहीं भेजा है. माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. दरअसल, मोदी सरकार के दो मंत्रियों के राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो रहा है. इनमें मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा जदयू कोटे से आरसीपी सिंह का नाम शामिल है. ये दोनों नेता फिलहाल 6 जुलाई के बाद किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे.
मोदी मंत्रिमंडल में 8 साल से थे मुख्तार
नकवी 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य रहे. 2016 में वे झारखंड से राज्यसभा भेजे गए. नकवी पहली बार 1998 में लोकसभा का चुनाव जीते और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए थे. उसके बाद 26 मई 2014 में मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने. 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला. 30 मई 2019 को मोदी कैबिनेट में शामिल हुए और अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय बना रहा.
अब उपराष्ट्रपति के लिए नाम की चर्चा
बताते चलें कि मुख्तार को जब बीजेपी ने राज्यसभा के लिए रिपीट नहीं किया तो तमाम तरह के कयास लगाए जाने शुरू हो गए. सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि बीजेपी इस बार मुस्लिम को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि, पार्टी ने दौपद्री मुर्म को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बीजेपी मुख्तार अब्बास नकवी को उपराष्ट्रपति बना सकती है. हालांकि, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम भी चर्चा में है.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.