मालदीव में भारत विरोधी अभियान ज़ोर-शोर से क्यों चल रहा है?
BBC
मालदीव में भारत विरोधी अभियान 'इंडिया आउट' दोनों देशों की सरकारों के लिए चिंता का सबब बन गया है लेकिन कोई ठोस उपाय नज़र नहीं आ रहा है. क्या इस कैंपेन के पीछे किसी तीसरे देश का हाथ है?
विदेश नीति में द्विपक्षीय संबंधों के लिए दो देशों की सरकारों के साथ विपक्ष भी मायने रखता है. अभी मालदीव और भारत में सरकार के स्तर पर सब कुछ बेहतरीन है लेकिन मालदीव का विपक्ष भारत के ख़िलाफ़ काफ़ी मुखर है.
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन भारत विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. वो मांग कर रहे हैं कि मालदीव से भारत की मौजूदगी ख़त्म होनी चाहिए.
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मालदीव में भारत विरोधी अभियान को लेकर वहाँ की सरकार भी चिंतित है. 19 दिसबंर को मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत को लेकर फैलाए जा रहे झूठ और नफ़रत को लेकर सरकार चिंतित है.
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत सबसे क़रीब का द्विपक्षीय साझेदार है लेकिन कुछ छोटे समूह और कुछ नेता प्रॉपेगैंडा फैलाने में लगे हैं.