
महाराष्ट्र: शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरी, PM मोदी ने पिछले साल किया था अनावरण
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एक अधिकारी ने बताया कि मालवन में राजकोट किले में दोपहर करीब 1 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिर गई. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ गिरने के सही कारण का पता लगाएंगे, लेकिन जिले में पिछले दो-तीन दिनों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं, तो ये भी वजह हो सकती है.
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार को ढह गई सोमवार को गिर गई. इसका अनावरण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि प्रतिमा ढहने का वास्तविक कारण क्या है, इसकी जांच अधिकारियों द्वारा की जा रही है. उधर, इसको लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि उसने काम की गुणवत्ता पर कम ध्यान दिया है.
पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि मालवन में राजकोट किले में दोपहर करीब 1 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिर गई. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ गिरने के सही कारण का पता लगाएंगे, लेकिन जिले में पिछले दो-तीन दिनों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं, तो ये भी वजह हो सकती है. पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान की जांच की जा रही है. पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रतिमा का अनावरण किया था.
घटना के बाद एनसीपी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा, "राज्य सरकार इस ढहने के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने उचित देखभाल नहीं की. सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया. इसने केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया था. यह महाराष्ट्र सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है, कमीशन स्वीकार करती है और उसी के अनुसार अनुबंध देती है."
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक वैभव नाइक ने भी काम की कथित खराब गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है. प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए."
नई प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध: मंत्री

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