
मनरेगा बिल के 14 महीने बनाम VB-G RAM G बिल के 6 घंटे... संसद में आधी रात के टकराव की पूरी कहानी
AajTak
ग्रामीण रोजगार से जुड़ा बिल मनरेगा को यूपीए सरकार 2005 में लाई थी तो 14 महीने तक उस पर सलाह-मशविरा किया गया. इसके बाद आम सहमति से बिल पर मुहर लगी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने उसी बिल को बदलकर VB-G RAM G बिल को चार दिन में पास करा लिया.
संसद के शीतकालीन सत्र में ग्रामीण रोजगार से जुड़े 'वीबी-जी राम जी' (VB-G RAM G) बिल 2025 लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया है. बिल पारित होते ही राजनीतिक टकराव तेज हो गया है. संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद विपक्षी दलों के नेता आधी रात को संविधान सदन के बाहर धरने पर बैठ गए.
कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान मनरेगा कानून आया था. यूपीए सरकार ने 2005 में 'ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून' को लागू किया था और 2009 में इसके नाम के साथ 'महात्मा गांधी' जोड़ा गया. यह दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना है.
पिछले 20 सालों से मनरेगा ग्रामीण रोजगार की रीढ़ रही है. अब मोदी सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी 'वीबी-जी राम जी' बिल कर दिया है. संसद के दोनों सदन से यह बिल पास हो गया है, लेकिन विपक्ष के सवाल जस के तस बने हुए हैं.
मनरेगा से बदलकर VB-G RAM G
जब 2005 में मनरेगा कानून आया था, तब तत्कालीन यूपीए सरकार ने सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति बनाने के लिए 14 महीने तक सलाह-मशविरा किया था. वहीं, अब मोदी सरकार को मनरेगा में तब्दीली कर वीबी-जी राम जी बिल 2025 को लाने और संसद से पास कराने में सिर्फ चार दिन लगे. यही वजह रही कि सरकार और विपक्ष के बीच तीखा सियासी टकराव बना रहा।
विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और बिल के पास होने से पहले राज्यसभा से वॉकआउट कर गए. विपक्ष मांग कर रहा था कि बिल को सिलेक्ट कमेटी (प्रवर समिति) के पास भेजा जाए, हालांकि सदन में विपक्ष की गैर-मौजूदगी के बीच बिल ध्वनिमत से पास कर दिया गया। इसके विरोध में विपक्षी सांसद आधी रात को धरने पर बैठ गए.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिजाब विवाद को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इस विवाद में समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि बीजेपी के नेताओं पर भी कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने गिरिराज Singh के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि इससे बीजेपी के नेताओं की मानसिकता साफ जाहिर होती है. यह बयान इस विवाद की राजनीति को और भी गरमाता दिखा रहा है.

दिल्ली का तिमारपुर. एक पिछड़ी बस्ती में अपनी नौकरी छोड़ चुका एक इंजीनियर बच्चों को अंग्रेजी, गणित और विज्ञान पढ़ा रहे थे. इन बच्चों के नतीजे बहुत अच्छे थे. इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ने वाले ये शख्स विष्णुजी थे. सेवा भारती की बुनियाद में विष्णुजी का अहम योगदान है. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है वही कहानी.

दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी पर गंभीर असर पड़ रहा है. वहीं, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) आज भी कई इलाकों में 400 से ऊपर दर्ज किया गया है. ऐसे हालात में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है और लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ रहा है. आइए जानते हैं आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर का मौसम कैसा रहने वाला है?

सरकार ने संसद में कहा है कि उच्च AQI और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध साबित करने वाला कोई ठोस डेटा नहीं है, हालांकि वायु प्रदूषण को सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ाने वाला एक अहम कारण माना गया है. यह जानकारी पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बीजेपी सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी के सवाल के जवाब में दी.

महाराष्ट्र की सियासत काफी उलझी हुई है. फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में भले ही अजित पवार हों, लेकिन बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने एनसीपी से किनारा कर रखा है. ऐसे में अजित पवार की शरद पवार के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं, जिसके चलते उद्धव ठाकरे अलर्ट हो गए हैं और अल्टीमेटम भी दे दिया है.

बांग्लादेश के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में दंगाई खुले आम हिंसा को अंजाम दे रहे हैं. उपद्रवियों ने बांग्लादेश के दो प्रमुख अखबार 'द डेली स्टार' और 'प्रथम आलो' के दफ्तर को उस समय आग के हवाले कर दिया जब वहां दर्जनों पत्रकार काम कर रहे थे. इसके बाद वहां मौजूद पत्रकारों का एक एक पल मौत से लड़ते हुए गुजरा.







