
पॉश सोसाइटी, किराए का विवाद और कातिल दंपति... दिल दहला देगी दीपशिखा मर्डर केस की खौफनाक कहानी
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गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन की Aura Chimera सोसाइटी में किराया विवाद ने खौफनाक मोड़ ले लिया. किरायेदार दंपति ने मकान मालकिन दीपशिखा शर्मा की गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर लाश को ठिकाने लगाने का जो तरीका अपनाया, वो खौफनाक था. पढ़ें पूरी कहानी.
Ghaziabad Deepshikha Murder Case: दिल्ली से सटा यूपी का गाजियाबाद शहर एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार वजह है एक खूनी वारदात. जिसने इलाके के लोगों को सन्न कर दिया है. पॉश इलाके की एक सोसाइटी में एक दंपति ने ऐसी साजिश रची के सुनने वालों के होश उड़ गए. एक फ्लैट के भीतर ऐसी करतूत को अंजाम दिया गया कि पुलिस भी हैरान थी. ये मामला है एक महिला के कत्ल का. जिसे किराएदार पति-पत्नी ने मिलकर अंजाम दिया. कत्ल के बाद लाश को ठिकाने लगाने की कहानी भी कम हैरान करने वाली नहीं है. चलिए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं पूरी कहानी.
गाजियाबाद का राजनगर एक्सटेंशन. जहां मौजूद है ओरा खिमेरा (Aura Chimera) सोसाइटी. वहीं एक हाई-राइज इमारत का फ्लैट नंबर 506 अचानक सुर्खियों में आ गया. इस कमरे में एक महिला और उसका पति किराए पर रहा करते थे. ये फ्लैट था दीपशिखा शर्मा नाम की महिला का, जो अब इस दुनिया में नहीं है. जिसकी वजह है वही किराएदार दंपति. जिनकी शिनाख्त अजय गुप्ता और उसकी पत्नी आकृति गुप्ता के तौर पर हुई है.
दो फ्लैट की मालकिन थीं दीपशिखा 45 साल की दीपशिखा शर्मा उसी ओरा खिमेरा सोसाइटी में अपने परिवार के साथ रहती थीं. उनके पास Aura Chimera में दो फ्लैट थे. एक में वह खुद रहती थीं और दूसरा फ्लैट नंबर 506, उन्होंने अजय गुप्ता और उसकी पत्नी आकृति गुप्ता को किराए पर दे रखा था. शुरुआत में सब कुछ सामान्य था. किराया समय पर आता रहा और कोई विवाद नहीं हुआ. लेकिन यही भरोसा आगे चलकर उनकी मौत की वजह बन गया.
पांच महीने का किराया बकाया बीते पांच से छह महीनों से गुप्ता दंपति की तरफ से किराया आना बंद हो गया था. दीपशिखा कई बार किराया मांग चुकी थीं. हर बार किरायेदार दंपति कोई न कोई बहाना बना देता. कभी आर्थिक तंगी, कभी नौकरी छूटने की बात. दीपशिखा ने काफी समय तक धैर्य रखा. लेकिन बकाया बढ़ता गया और चुप रहना मुश्किल होता चला गया. आखिरकार उन्होंने सख्ती दिखाने का फैसला किया, यह सोचे बिना कि सामने वाले के इरादे कितने खतरनाक थे.
17 दिसंबर 2025, दोपहर करीब 11:15 बजे इसी वक्त पर दीपशिखा शर्मा किराया लेने के लिए फ्लैट नंबर 506 की ओर निकलीं. परिवार को लगा वह थोड़ी देर में लौट आएंगी. किसी को अंदाजा नहीं था कि अब वह कभी लौटकर घर नहीं आएंगी. लिफ्ट से उतरते वक्त शायद उन्हें भी नहीं पता था कि जिस दरवाजे पर वह दस्तक देने जा रही हैं, वही उनकी मौत का दरवाजा साबित होगा. कुछ ही देर में दीपशिखा वहां पहुंच चुकी थी.
फ्लैट के अंदर बहसबाजी पुलिस जांच में सामने आया कि जब दीपशिखा वहां पहुंची तो फ्लैट के भीतर किराए को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई. दीपशिखा ने साफ कहा कि या तो बकाया किराया दिया जाए या फ्लैट खाली किया जाए. यह बात अजय और आकृति को नागवार गुजरी. पहले कहासुनी हुई, फिर आवाजें तेज होती चली गईं. माहौल गरमाता गया. गुस्सा इतना बढ़ गया कि गुप्ता दंपति के तर्क और इंसानियत दोनों खत्म हो गए.

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