
मंगेश यादव एनकाउंटर विवाद के चलते बची इन चार लोगों की जान! पुलिस ने अब दिखाई गिरफ्तारी
AajTak
ये कहानी उन चार लड़कों की है, जो शायद मंगेश यादव का सच सामने आ जाने की वजह से अब तक जिंदा हैं. वर्ना बहुत मुमकिन था कि उनका भी एनकाउंटर अब तक हो चुका होता. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगेश यादव के साथ साथ STF ने इसी सिलसिले में चार और लड़कों को उठाया था.
Mangesh Yadav Encounter Controversy: उत्तर प्रदेश पुलिस की मानें तो सुल्तानपुर में भरत ज्वेलर्स के शोरूम में डाका डालने वाले आरोपियों की तादाद 14 थी. जिनमें से 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस कांड के सरगना कहे जाने वाले बदमाश ने खुद ही सरेंडर कर दिया. जबकि मंगेश यादव को एनकाउंटर में मारा गया. तो ऐसे में सवाल ये है कि बाकी के 9 लोग कहां हैं? दरअसल, 'आज तक' ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि इनमें से चार लोगों को एसटीएफ ने उठा लिया था. लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई थी. मगर 'आज तक' पर इस खबर के खुलासे के 24 घंटे बाद उन चारों लोगों की गिरफ्तारी पुलिस ने दिखा दी है.
मंगेश के अलावा STF ने उठाए थे चार लोग ये कहानी उन चार लड़कों की है, जो शायद मंगेश यादव का सच सामने आ जाने की वजह से अब तक जिंदा हैं. वर्ना बहुत मुमकिन था कि उनका भी एनकाउंटर अब तक हो चुका होता.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगेश यादव के साथ साथ एसटीएफ ने इसी लूटपाट के सिलसिले में चार और लड़कों को उठाया था. जिनकी पहचान विमल सिंह, विवेक सिंह, विनय शुक्ला और अनुज प्रताप सिंह के तौर पर की गई थी. इनमें से विमल और विेवेक उसी विपिन सिंह के भाई हैं, जिसे भरत ज्वेलर्स के यहां पड़ी डकैती का मास्टरमांइड कहा जा रहा है.
एसटीएफ का प्लान चौपट इनमें से विनय शुक्ला के परिवार वाले तो बकायदा कैमरे पर आकर उसे उठाने की गवाही भी दे रहे हैं. अपने प्लान के तहत एसटीएफ ने इन चारों को उठा तो लिया था, किसी एनकाउंटर के बाद शायद इनकी भी जिंदा या मुर्दा गिरफ्तारी भी दिखा देते. लेकिन तभी मंगेश यादव का एनकाउंटर सुर्खियों में आ गया. मंगेश के परिवार के दावों की वजह से एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे. ऐसे में एसटीएफ का प्लान चौपट हो गया.
गिरफ्तारी दिखाने से बच रही थी लोकल पुलिस सूत्रों के मुताबिक बदले हालात को देखते हुए पहले से ही कब्जे में मौजूद इन चारों लोगों की गिरफ्तारी अब एसटीएफ सुल्तानपुर के ही किसी थाने में दिखाना चाहती थी. मगर पेंच ये फंस गया कि लोकल पुलिस इन चारों को जमा करने यानि इनकी गिरफ्तारी दिखाने से पीछे हट गई. लोकल पुलिस का कहना है कि वो इसी शर्त पर इन चारों को जमा करेंगे यानि गिरफ्तार करेंगे जब ये गिरफ्तारी एसटीएफ की तरफ से दिखााई जाए.
'आज तक' की खबर की असर लेकिन एसटीएफ खुद इससे बचना चाहती थी. क्योंकि घरवालों के सामने आ जाने के बाद अब एसटीएफ के लिए ये जवाब देना मुश्किल हो जाएगा कि जब चारों को कई दिन पहले ही उठा लिया तो उनकी गिरफ्तारी अब क्यों दिखा रहे हैं. मंगलवार को 'आज तक' पर इस खबर को दिखाए जाने के बाद असर ये हुआ कि बुधवार को पुलिस ने बाकायदा इनकी गिरफ्तारी दिखा दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







