
भारत से संयम की अपील, लेकिन रूस-यूक्रेन पर कड़ा रुख... EU की 'पाखंड नीति' पर भड़के एक्सपर्ट्स, दिखाया आईना
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इस बयान के बाद कई लोगों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के दो साल पहले दिया गए बयान को याद किया जिसमें उन्होंने यूरोप के पाखंड को दुनिया के सामने रखा था. जयशंकर ने कहा था,
रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को को हथियार देकर उसकी मदद कर रहे यूरोपीय संघ ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है जिसकी वजह से ईयू की जबरदस्त आलोचना हो रही है. यूरोपीय संघ की उपाध्यक्ष और संघ की विदेश मामलों की उच्च प्रतिनिधि काजा कल्लास ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार से फोन पर बातचीत की और कहा कि “तनाव बढ़ाने से किसी को फायदा नहीं होगा.”
काजा कल्लास ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की बात को नजरअंदाज कर दिया, जिससे भारत दशकों से पीड़ित रहा है. सोशल मीडिया और विदेश नीति विशेषज्ञों ने काया की इस ‘समदूरी नीति’ को पाखंडपूर्ण और पक्षपाती करार दिया.
ईयू के पाखंड की खुली पोल
हालांकि, विदेश नीति विशेषज्ञों और सोशल मीडिया के एक वर्ग ने कल्लास के दोहरे मापदंडों को तुरंत उजागर किया और उनके यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से संबंधित पुराने पोस्ट को खोज निकाला, जिसमें उन्होंने खुलेआम कहा था कि "रक्षा उकसावा नहीं है" और "आक्रांता को रोका जाना चाहिए." उन्होंने लिखा था, "यदि आप आक्रांता को नहीं रोकते, तो वह कभी नहीं रुकेगा."
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