
भारत-चीन को लेकर क्या भिड़ेंगे रूस और सऊदी अरब?
AajTak
अकूत तेल भंडार की मदद से दुनियाभर में सऊदी अरब की दशकों से बादशाहत कायम है. लेकिन ऑयल मार्केट में रूस की एंट्री से सऊदी अरब को आर्थिक रूप से झटका लगा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि सऊदी अरब की बादशाहत पर खतरा मंडराने लगा है.
1930 के दशक में तेल भंडारों की खोज के बाद से ही ऑयल मार्केट में सऊदी अरब का दबदबा रहा है. लेकिन आज परिस्थितियां ऐसे बदली हैं कि सऊदी अरब को अब रूस से ऑयल मार्केट में कड़ी टक्कर मिल रही है.
दरअसल, पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध के कारण रूस रियायती कीमतों पर चीन और भारत को भारी मात्रा में तेल निर्यात कर रहा है.
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि रूस जिस तरह से एशियाई ऑयल मार्केट में अपना कब्जा जमा रहा है. वह सीधे-सीधे सऊदी अरब के लिए खतरे की घंटी है. ऑयल इंडस्ट्री के जाने-माने विश्लेषक पॉल सैंके के अनुसार, एशियाई बाजारों में रूसी तेल की एंट्री सऊदी तेल की कीमतों को कम कर रहा है.
सऊदी अरब पिछले कुछ दिनों से ऑयल मार्केट में शामिल छोटे-मोटे विक्रेताओं (शॉर्ट सेलर्स) पर निगरानी कर रहा है और कम कीमत में तेल नहीं बेचने की चेतावनी दे रहा है.
मंगलवार को भी सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान ने शॉर्ट सेलर्स को इकोनॉमिक पेन (आर्थिक चोट) की चेतावनी दी है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि अगर कोई देश कम कीमत पर तेल बेचता है तो उस पर क्या कार्रवाई की जाएगी. इस चेतावनी के बाद सऊदी तेल की कीमत में थोड़ी तेजी भी देखने को मिली.
पॉल सैंके का भी मानना है कि सऊदी तेल की कीमत कम होने की एक वजह यह शॉर्ट सेलर्स भी हैं. लेकिन सऊदी अरब को इन शॉर्ट-सेलर्स की तुलना में रूस पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







