
भारत के लिए ये अहम कदम उठा पाएगा यूएई?
AajTak
संयुक्त अरब अमीरात ने कहा है कि भारत के साथ रुपये में व्यापार को लेकर बातचीत शुरू की गई है. दोनों देशों के बीच यह बातचीत गैर-तेल उत्पादों के व्यापार के लिए है. भारत पहले ही कई देशों के साथ रुपये में व्यापार शुरू कर चुका है.
संयुक्त अरब अमीरात और भारत व्यापार के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं. यूएई अब भारत के साथ डॉलर के बजाए भारतीय रुपये में व्यापार करने को लेकर बातचीत कर रहा है. हालांकि रुपये में व्यापार तेल को छोड़कर बाकी अन्य वस्तुओं के लिए होगा. यूएई के विदेश व्यापार मंत्री डॉ थानी अल जायोदी ने एक बयान में कहा कि रुपये में व्यापार करने को लेकर भारत से बातचीत अभी शुरु ही हुई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अल जायोदी से पूछा गया कि क्या भारत के साथ रुपये में व्यापार को लेकर बातचीत चल रही है? जवाब में मंत्री ने कहा, 'हां, हम भारत के साथ चर्चा कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि रुपये में व्यापार केवल गैर-तेल वस्तुओं का ही होगा और इसे लेकर बातचीत हो रही है.
दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2023 में एक इंटरव्यू में भी उन्होंने इसकी पुष्टि की. उन्होंने स्पष्ट किया कि बातचीत शुरुआती चरण में है.
ब्लूमबर्ग टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदान ने भी इस बारे में बयान दिया है. दावोस में ही उन्होने कहा, 'इस बात पर चर्चा करने में कोई समस्या नहीं है कि हम अपनी व्यापार व्यवस्था को कैसे बेहतर बना सकते हैं, चाहे वो अमेरिकी डॉलर में हो, चाहे यूरो में हो या फिर वो सऊदी रियाल में हो. मुझे नहीं लगता कि हम दुनिया भर में व्यापार को बेहतर बनाने में मदद करने वाली किसी भी चर्चा से पीछे हटेंगे.'
भारत-यूएई व्यापारिक संबंध और होंगे मजबूत
सऊदी अरब भारत के प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ताओं में से एक है. भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जुलाई) में, सऊदी से भारत का आयात 93 प्रतिशत बढ़कर 15.5 अरब डॉलर हो गया और निर्यात लगभग 22 प्रतिशत बढ़कर 3.5 अरब डॉलर हो गया.
यूएई ने पिछले साल फरवरी में भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर हस्ताक्षर किया था. यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए किया गया.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







