
बुर्ज खलीफा पर तिरंगे के साथ पीएम मोदी का फोटो, UAE ने कुछ ऐसे किया स्वागत, देखें VIDEO
AajTak
पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को यूएई पहुंच गए. वह राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर बैठक करेंगे. इस दौरान ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों पर चर्चा हो सकती है. यूएई से पहले पीएम दो दिन के लिए फ्रांस में थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी फ्रांस की यात्रा खत्म कर यूएई पहुंच गए हैं. पीएम अबू धाबी हवाईअड्डे पर उतरे. अबू धाबी हवाई अड्डे पर क्राउन प्रिंस एचएच शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने उनका स्वागत किया. वहीं मोदी के स्वागत में दुबई में बनी दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफ पर भारतीय तिरंगे के साथ मोदी की तस्वीर को दिखाया गया. उनके स्वागत में लाइट से लिखा गया- वेलकम ऑनरेबल प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी.
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर बैठक करेंगे. तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम का दोपहर करीब 2:10 बजे औपचारिक स्वागत होगा. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल वार्ता होगी. फिर दोपहर 3:20 बजे लंच होगा. इसके बाद 4:45 बजे वह दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
जानकारी के मुताबिक पीएम बनने के बाद यूएई का यह उनका 5वां दौरा है. अगस्त 2015 को उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात की पहली यात्रा की थी. यह 34 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूएई यात्रा थी.
भारत और यूएई के बीच ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों को लेकर चर्चा हो सकती है. पीएम मोदी ने भारत से रवाना होने से पहले कहा था- मैं अपने मित्र, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलने के लिए उत्सुक हूं. हमारे दोनों देश व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा, सुरक्षा और मजबूत लोगों से लोगों के बीच संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में जुड़े हुए हैं.
पिछले साल, राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद और मैं हमारी साझेदारी के भविष्य पर एक रोडमैप पर सहमत हुए. मैं उनके साथ हमारे संबंधों को और गहरा करने के बारे में चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं. मुझे विश्वास है कि यूएई की मेरी यात्रा हमारी व्यापक रणनीतिक में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







