बातचीत का दिखावा-इन्क्लूसिव कैबिनेट का वादा करता रहा तालिबान, लेकिन सिर्फ आतंकी हुए शामिल
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तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद कई बड़े बदलावों की बात दी थी. इसके अलावा सभी दलों को सरकार में जगह देने का वादा भी किया था, लेकिन अब जब सच्चाई सामने आई है तो तालिबान की पोल खुलती जा रही है.
अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के कुछ वक्त बाद ही तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया. 33 मंत्रियों से सजी इस सरकार ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है और अपनी एक नई छवि पेश करने की कोशिश में है. लेकिन तमाम दावों से इतर तालिबान द्वारा जो वादे किए गए और बातचीत का सिलसिला चलाया गया, उसपर अभी से ही सवाल खड़े होने लगे हैं. कथनी और करनी में अंतर... दरअसल, 15 अगस्त के दिन अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद से ही तालिबान लगातार कह रहा था कि तमाम राजनीति पार्टियों के नेताओं से विचार-विमर्श चल रहा है ताकि एक इनक्सूलिव सरकार बना सकें. तालिबान ने इसको लेकर दोहा और काबुल में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, अब्दुल्ला-अब्दुल्ला और पूर्व प्रधामंत्री हिकमतयार से कई दौर की बातचीत भी की. लेकिन इस बीच मंगलवार को तालिबान ने 33 सदस्यीय अपनी कैबिनेट का ऐलान कर दिया. जिसमें सिर्फ तालिबान के कट्टर लोगों का नाम है.लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं और वोटों की गिनती जारी है जिस पर पाकिस्तान ने भी पैनी नजर रखी हुई है. शुरुआती रुझानों में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिलता दिख रहा है लेकिन इंडिया ब्लॉक भी कड़ी टक्कर देता नजर आ रहा है. चुनाव नतीजों के शुरुआती रुझानों को लेकर पाकिस्तान के नेताओं की भी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं.
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