
बाढ़, भूस्खलन, 48 मौतें... उत्तराखंड में चार साल का सबसे खराब मॉनसून, 66 दिन में 43 दिन रहे आफत के
AajTak
उत्तराखंड चार साल के सबसे खराब मॉनसून से जूझ रहा है, जिसमें 65% दिन एक्सट्रीम वेदर के रहे. 48 लोग मरे, 250 से ज्यादा लापता हैं. जलवायु परिवर्तन और खराब तैयारी इसके पीछे हैं. धराली में भारतीय सेना रेस्क्यू में जुटी है, लेकिन बेहतर योजना जरूरी है.
उत्तराखंड इस साल चार साल के सबसे खराब मॉनसून का सामना कर रहा है. 1 जून से 5 अगस्त 2025 तक के 66 दिनों में से 43 दिन एक्सट्रीम वेदर (जैसे भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन) के रहे, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा है. यह आंकड़ा डाउन टू अर्थ (DTE) और दिल्ली के सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के विश्लेषण पर आधारित है.
एक्सट्रीम वेदर का बढ़ता खतरा
इस साल मानसून के अब तक के दिनों में 65% समय एक्सट्रीम वेदर देखा गया, जो 2022 में 33% था. 2023 में यह 47% और 2024 में 59% था. यह साफ दिखता है कि हर साल स्थिति और खराब हो रही है. मॉनसून 1 जून से 30 सितंबर तक 122 दिन का होता है. 5 अगस्त तक आधा समय बीत चुका है.
फिर भी 43 दिन एक्सट्रीम वेदर के रहे, जो 2022 के पूरे सीजन (44 दिन) के बराबर है. अगर यही ट्रेंड रहा, तो अगले 56 दिनों में और 40-43 दिन अति-मौसम हो सकते हैं, यानी कुल 83-86 दिन पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ देंगे.
यह भी पढ़ें: Mega Exclusive: गायब हो गया आर्मी बेस कैंप, बदल गया हर्षिल का नक्शा, तबाही के बाद ग्राउंड पर आजतक... देखें PHOTOS

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










